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नये साल पर फूल डेकोरेटर्स की बल्ले-बल्ले

न्यू ईयर पर फूलों की सजावट करने वालों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। चारों तरफ नए साल के जश्न की तैयारियों को लेकर फूलों की मांग अचानक बढ़ गई। जिससे इनके रेटों में भारी उछाल आया है। इनमें दो से चार गुणा...

नये साल पर फूल डेकोरेटर्स की बल्ले-बल्ले
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 30 Dec 2009 11:36 PM
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न्यू ईयर पर फूलों की सजावट करने वालों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। चारों तरफ नए साल के जश्न की तैयारियों को लेकर फूलों की मांग अचानक बढ़ गई। जिससे इनके रेटों में भारी उछाल आया है।

इनमें दो से चार गुणा बढ़ोतरी दर्ज की गई है। फूल डेकोरेटर्स व विक्रेताओं की बल्ले-बल्ले हो रही है। इस मौके पर करीब दो करोड़ का कारोबार होने की संभावना है।

बहरहाल, देसी हो या विदेशी फूलों की मांग बढ़ने से रेट आसमान छू रहे हैं। जरूरत पूरी करने के लिए महंगे दामों पर लोग इनकी खूब खरीदादारी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पार्टी-फंक्शन व लोगों को न्यू ईयर की बधाई देने के लिए फूलों के गुलदस्ते का चयन बहुत पुराना है। लोग इसी ट्रेंड को अपनाते आ रहे हैं। लेकिन हाल ही के कुछ वर्षो में विदेशी फूलों ने इस ट्रेंड को बढ़ाने का काम किया है। इस दिन सजावट के काम में इनका भरपूर उपयोग किया जाता है।

फरीदाबाद में फूलों की विदेशी खेप दिल्ली की फूल मार्केटों से लाई जाती है। दिल्ली में इनका आयात बाहर से किया जा रहा है।

सेक्टर 15 मार्केट फूल विक्रेता व व्यापारी खैमचंद सैनी का कहना है कि मांग को देखते हुए ही विदेशी फूलों की खेप मंगाई जाती है। अन्यथा इतनी जरुरत नहीं पड़ती है। स्पेन, फ्रांस, हॉलेंड, थाईलैंड व चाइना से देश में ज्यादातर कल्लचर व फेस्टिव सीजन में ही खेप मंगाई जाती है।

देशी फूलों के मुकाबले विदेशी फूल काफी महंगे बिकते हैं। यह इतने मनमोहक व खूशबूदार हैं कि लोग दाम की चिंता किए बिना इन्हें खरीद लेते हैं।

 

 

 

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