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झगड़ा है, मस्ती है, शोर है पर नया साल है

सितारों की बाहों में झूलकर करें नए साल का स्वागत, सिर्फ 4 हजार रुपये में पाएं कपल एंट्री, दो कपल एंट्री पर स्नैक्स फ्री। आपके बीच में कब कौन सा चमकता हुआ स्टार डांस करने लगेगा, इसका आपको अंदाजा भी...

झगड़ा है, मस्ती है, शोर है पर नया साल है
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 30 Dec 2009 05:30 PM
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सितारों की बाहों में झूलकर करें नए साल का स्वागत, सिर्फ 4 हजार रुपये में पाएं कपल एंट्री, दो कपल एंट्री पर स्नैक्स फ्री। आपके बीच में कब कौन सा चमकता हुआ स्टार डांस करने लगेगा, इसका आपको अंदाजा भी नहीं होगा। बस आइए और खो जाइए हमारी शानदार महफिल में। चौंकिए मत! मैं आपको कोई ऑफर देने नहीं जा रहा हूं बस आजकल चल रहे नए साल की तैयारियां के कुछ उदाहरण पेश कर रहा हूं, जिसे क्लब और होटल भुनाने में लगे हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी पूरी दिल्ली तैयार है। हर कोई यह सोचकर रोमांचित हुआ जा रहा है। होटल तैयार हैं। क्लब तैयार हैं। यहां तक की दिल्ली सरकार का पुलिस प्रशासन भी तैयार है।
 
ये सब किसलिए तैयार हैं आप जानना चाहेंगे। कहीं आप ऐसा तो नहीं सोच रहे कि हमारी पूरी दिल्ली और देश कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए तैयार है। अरे भइया! ऐसा कुछ भी नहीं है हम एक रात के जश्न के लिए तैयार हैं, जिसमें करोड़ों रुपये तो यूं ही लोग गटक जाएंगें। नाचेंगे गाएंगे धूम मचाएंगें। क्लबों में कुछ बाउंसरों के हाथ पिटेंगें तो कुछ लड़कियां छेड़कर खबरों की सुर्खियां बन जाएंगे। लड़कियों को भी चमकने का मौका मिलेगा वे भी किसी को पीटकर नहीं बल्कि शिकायत करके झांसी की रानी बन जाएंगी।

इन सबके बावजूद 31 दिसंबर की रात को 12 बजते ही अंधेरे के आगोश में सब एक साथ चिल्लाएंगे- हैप्पी न्यू ईयर! वेलकम 2010। कंपनियां इसका फायदा बखूबी उठा रही हैं। युवा मन को भांपकर ये कंपनियां तरह-तरह के ऑफर से लोगों को सराबोर कर रही हैं। क्नॉट प्लेस, सरोजनी नगर, करोल बाग, लाजपत नगर तथा एनसीआर में बने कई बड़े मॉल्स में सांता क्लॉज का मेला लगा हुआ है।
 
मुझे याद है जब मैं स्कूल में हुआ करता था तो नए साल पर मुझे अपने गांव में भी ग्रीटिंग देखने को मिलता था। नए साल का ग्रीटिंग कार्ड डाकिया खूब बांटता था। मैं छोटा था मेरे लिए कोई ग्रीटिंग तो नहीं भेजता था, पर हां मैं बड़ों की ग्रीटिंग पढ़कर बहुत खुश होता था। आज आपको बताता हूं कि उस ग्रीटिंग की एक शायरी जो मुझे उस समय बड़ी अच्छी लगती थी। वो कुछ ऐसे है; ‘खाना रखा सामने पानी भरा गिलास .. तेरी याद में भूख लगी ना प्यास’।

गांव में चाचा ताऊ बोलते चलो भइया ससुरा एक साल और बीत गवा। पर मेरे लिए समय बदला, जगह बदली, तहजीब अलग हुई, अलग माहौल मिला तो पूरा संसार ही जुदा हो गया। पर एक चीज समझ में नहीं आई कि यह कैसा नया साल है जिसमें इतना सारा बवाल है। बाजार में दीवाली से भी अधिक हलचल मची हुई है। माता-पिता अपने बच्चों को कुछ नया कराने के लिए शिमला, मसूरी या फिर किसी अन्य हिल स्टेशन का रुख कर रहे हैं।

इसमें सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है- नए शादी-शुदा जोड़ों को। मन में हनीमून के लाखों अरमान सजाए जब ये जोड़े किसी ट्रैवल एजेंट को फोन करते हैं तो जवाब मिलता है सॉरी सर तीन जनवरी तक इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे जोड़ों के लिए अपने ही शहर में किसी क्लब या फिर होटल से आस लगी हुई है। पर आपको जानकर हैरानी होगी एक सप्ताह पहले से ही कई बड़े होटल में बुकिंग फुल हो चुकी है। यहां की छोटे क्लब भी नए साल के नाम पर चांदी काट रहे हैं।

पर भइया ये सब तो चलता ही रहेगा पर मेरी तरफ से आपको ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। ये सब तो होता ही रहता है। जिंदगी है तो परेशानियां हैं, खुशियां हैं तो संकट भी पर इन सबको सलीके से झेल लिया जाए तो वह हर दिन नया साल जैसा हो जाएगा। फिलहाल मेरी तरफ से आप सभी पाठकों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

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