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छोटी उम्र में काम कमाल

दोस्तो, कहते हैं कि जज्बा और हौसला हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता। 13 साल की उम्र खेलने और पढ़ने की होती है, लेकिन नेहा गुप्ता (13) ने वह काम कर दिखाया, जिसे करने में बड़ों को भी कई बार सोचना पड़ता...

छोटी उम्र में काम कमाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 30 Dec 2009 01:27 PM
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दोस्तो, कहते हैं कि जज्बा और हौसला हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता। 13 साल की उम्र खेलने और पढ़ने की होती है, लेकिन नेहा गुप्ता (13) ने वह काम कर दिखाया, जिसे करने में बड़ों को भी कई बार सोचना पड़ता है। नेहा पिछले 4 साल से यमुनानगर (हरियाणा) में एक अनाथालय चला रही है। न्यूजीलैंड में जन्मी नेहा अपने माता-पिता (अमृता-विकास गुप्ता) के साथ अमेरिका (यार्डली, पेनसिल्वेनिया) में रहती है और वहीं पढ़ती है। जब वह 9 साल की थी तो यमुनानगर के कई अनाथ बच्चों की खराब हालत देख उसका दिल कुछ करने को मचल उठा। तभी उसने सोच लिया था कि वह अनाथ बच्चों की हरसंभव मदद करेगी।

माता-पिता की मदद से नेहा ने सन 2005 में यमुनानगर के छच्छरौली कस्बे में एक अनाथालय ‘बाल-कुंज’ खोला। इसमें 3 से 16 वर्ष के अनाथ लड़के-लड़कियों को शरण मिलती है। नेहा साल में एक बार यमुनानगर (दादा के घर) आती है और ‘बाल-कुंज’ के प्रबंध सुधारती है। पैसों का प्रबंध करने के लिए नेहा ने एक संस्था बनाई है-‘एम्पावर ऑरफन्स!’ दान के अलावा नेहा बैग्स आदि बना कर क्राफ्ट्स मेलों व स्टोर में बिक्री करती है। पिछले साल ‘बेकोनिया’ ने संस्था को 5000 डॉलर का पुरस्कार दिया था। नेहा अब तक ‘बाल-कुंज’ के लिए 10,500 डॉलर जमा कर चुकी है।

‘बाल-कुंज’ एक गैर-लाभकारी संस्था है और अब तक 360 अनाथ बच्चों की मदद कर चुकी है। बच्चों को श्री गीता पब्लिक स्कूल में दाखिला दिलाया जाता है। अनाथ बच्चों के लिए नेहा ने एक लाइब्रेरी भी शुरू की है। स्कूल बुक्स के अलावा इसमें जीके व अन्य तकनीकी किताबें भी हैं। बच्चों, तुम भी इस प्रयास में नेहा का साथ दे सकते हो।

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