सूचना प्रौद्यौगिकी कार्यक्रमों को लागू करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य में सूचना प्रौद्यौगिकी को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए ई-गवर्नेन्स प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने शासकीय सेवाओं में सूचना...
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य में सूचना प्रौद्यौगिकी को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए ई-गवर्नेन्स प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने शासकीय सेवाओं में सूचना प्रौद्यौगिकी का अधिकाधिक उपयोग करने के साथ ही इसकी प्रक्रियाओं को पूरी तरह सरल और पारदर्शी बनाने पर भी बल दिया है। कार्यो की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने जन सेवा केंद्रों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी को सर्वसुलभ बनाने के साथ ही सभी जिलों में इनकी स्थापना का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। आईटी क्षेत्र में पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए संकल्प दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशक प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में आईटी इकाई स्थापित करने के लिये स्वतंत्र हैं और उन्हें सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने ई-गवर्नेस योजना के अंतर्गत जन सामान्य को उनके द्वार पर ही शासकीय सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। ग्रामीण क्षेत्रों को विभिन्न प्रकार की शासकीय एवं अन्य सेवाएं उपलबध कराने के लिए सर्विस डिलीवरी प्वाइंट को प्रभावी बनाया जाए। स्वान कार्यो में तेजी लाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यालय, जनपद, तहसील तथा ब्लाक स्तर पर नेटवर्किग का कार्य शीघ्र पूरा किया जाय। सरकारी विभागों की विभिन्न प्रकार की सेवाओं और डाटा के रखरखाव के लिए डाटा सेन्टर की स्थापना के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। मायावती ने प्रदेश के छह जिलों गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, रायबरेली, सीतापुर, गोरखपुर एवं सुल्तानपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में संचालित ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना की समीक्षा की और कहा कि इस परियोजना के माध्यम से डिलीवरी सिस्टम को और बेहतर बनाया जाय। जाति, आय तथा निवास प्रमाण पत्र जारी करने की सेवाओं को राज्य के अन्य जनपदों में भी शुरू किया जाये। प्रदेश में 4000 जन सुविधा केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है जिनमें से लगभग 400 से जनता को विभिन्न प्रकार की शासकीय सेवाएं मिलनी शुरू हो गई हैं। प्रदेश के संपूर्ण भू-अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण किया जा चुका है। संपत्तियों की रजिस्ट्री आनलाइन कर दी गयी है। यह व्यवस्था प्रदेश के 106 सब रजिस्ट्रार कार्यालयों और सभी 71 जनपदों में लागू है। इनके माध्यम से ग्रामीण इलाकों में लगभग 60 हजार रोजगार के अवसर सजित हो सकेंगे।