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यातायात हादसों की चपेट में रहा बीता साल

हवाई हादसे जेट के इस युग में पहियों और पंखों के बिना जिंदगी की रफ्तार का तसव्वुर भी नहीं किया जा सकता, लेकिन अगर इस तेजी और सुविधा की कीमत जान देकर चुकानी पड़े तो यही रफ्तार बेमानी सी लगती है।...

यातायात हादसों की चपेट में रहा बीता साल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 27 Dec 2009 04:25 PM
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हवाई हादसे
जेट के इस युग में पहियों और पंखों के बिना जिंदगी की रफ्तार का तसव्वुर भी नहीं किया जा सकता, लेकिन अगर इस तेजी और सुविधा की कीमत जान देकर चुकानी पड़े तो यही रफ्तार बेमानी सी लगती है। आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाइएस राजशेखर रेड्डी की कुरनूल जिले की नल्लामाला पहाड़ियों में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु ऐसी ही एक घटना रही। तीन सितंबर को घटी इस घटना में रेड्डी के साथ उनके विशेष सचिव, मुख्य सुरक्षा अधिकारी, पायलट ग्रुप कैप्टन और सह पायलट भी इस हादसे में मारे गए।

नौ फरवरी को मुंबई हवाई अड्डे पर इसी तरह का हादसा होते-होते बचा जब राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हेलीकॉप्टरों के काफिले में शामिल आईएएफ के एक हेलीकॉप्टर को एक रनवे पर उतरने की इजाजत दी गई। उसी समय उस रनवे पर एयर इंडिया के एक विमान को भी उड़ान भरने की मंजूरी दे दी गई। विमान के पायलट ने हेलीकॉप्टर को देखा और फौरन कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिससे भिड़ंत होते-होते बची।

उड़ीसा के भुवनेश्वर से नौ दिसंबर को राष्ट्रपति प्रतिभा को लेकर दिल्ली आ रहा भारतीय वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर भुवनेश्वर हवाईअड्डे पर उतरा और उसी समय उसका पंखा पार्किंग स्थल की छत से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गया। इस हादसे में सभी लोग सुरक्षित रहे।

सड़क पर मौत
राजधानी नई दिल्ली की सड़कों पर इस साल भी ट्रकों और ब्लू लाइन बसों ने खूब कहर बरपाया। सड़क हादसों में नवंबर तक 548 लोग मारे गए, जिनमें ट्रकों से 243 लोगों की मौत हुई और ब्लू लाइन बसों ने 115 लोगों को मार डाला। ब्लू लाइन बसों को अगले साल बंद किया जाना है। इनकी जगह लो फ्लोर बसें लेंगी जिनकी शुरूआत हो चुकी  है। लेकिन लो फ्लोर बसों में आग लगने की घटनाओं ने इन बसों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जम्मू में सात सितंबर को जम्मू डोडा बटोटे राजमार्ग पर एक बस के खाई में गिर जाने से दो शिशुओं सहित 26 लोगों की मौत हो गई और 26 घायल हो गए।

पश्चिम बंगाल में 13 दिसंबर को हावड़ा जिले में एक निजी बस और ट्रक के बीच टक्कर में बस में सवार 20 लोगों की मौत हो गई और 25 घायल हो गए।

पटरी से उतरी रेल
उड़ीसा में 13 फरवरी को हावड़ा से चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे उड़ीसा के जाजपुर जिले में पटरी से उतर गए, जिससे 16 यात्रियों की मौत हुई और 161 यात्री घायल हो गए।

मथुरा में 21 अक्टूबर को उदयपुर सिटी-हजरत निजामुद्दीन मेवाड़ एक्सप्रेस को कुछ यात्रियों ने मथुरा और वृंदावन के बीच कथित तौर पर चेन खींचकर रोक दिया था, जिससे वह खड़ी थी। गोवा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के चालक ने सिग्नल की अनदेखी कर उदयरपुर सिटी-हजरत निजामुद्दीन मेवाड़ एक्सप्रेस को सुबह साढ़े चार बजे के करीब टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में गार्ड एवं पैंट्री कार के दो कर्मचारियों सहित 22 लोगों की मौत हो गई और लगभग इतने ही लोग घायल हो गए।

एक नवंबर को उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में गोरखपु-अयोध्या के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन मनकापुर और नवाबगंज के बीच स्थित चक रसूलपुर गांव के पास से गुजर रही थी, तभी अचानक एक ट्रक के रेलमार्ग पर आ जाने से दोनों के बीच भिड़ंत हो गई। इस दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 24 लोगो घायल हो गए।

हरियाणा के पटौदी में तीन नवंबर को एक मालगाड़ी के गुजरने के तुरंत बाद कुछ लोग पटरी पार करने लगे,  लेकिन वे दूसरी ओर से आ रही नई दिल्ली-अजमेर शताब्दी ट्रेन को नहीं देख पाए और ट्रेन से कट कर छह लोगों की मौत हो गई।

सात नवंबर को उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के नजदीक दिल्ली आ रही देहरादून जन शताब्दी एक्सप्रेस की चपेट में आकर एक अधिकारी सहित पांच रेलकर्मियों की मौत हो गई। हादसे के दौरान गैंगमैन पटरियों पर काम कर रहे थे।
   
जयपुर-दिल्ली रेल मार्ग पर जोधपुर से दिल्ली जा रही 2462 मंडोर एक्सप्रेस के 14 नवंबर को झर और जटवाड़ा रेलवे स्टेशन के बीच दुर्घटनाग्रस्त होने से एक युवती समेत सात यात्रियों की मौत हो गई, और 19 घायल हो गए।

पानी पर हादसे
महाराष्ट्र के भंडारा जिले के खामरी गांव के नजदीक बाणगंगा नदी में 11 जुलाई को दो नौकाओं के पलटने से 26 महिला मजदूरों की मौत हो गई। धान के खेतों में काम करने वाली महिलाएं नौकाओं में सवार होकर अपने घरों को लौट रहीं थीं। आसमान में अचानक बिजली चमकने से वे हड़बड़ा गईं जिससे नावों का संतुलन बिगड़ गया और वे पलट गईं।

बिहार में 28 सितंबर को खगड़िया और दरभंगा जिलों में दो अलग-अलग नौका दुघर्टना में 63 लोगों की मौत हो गई। खगड़िया जिले अलौली प्रखंड के फुलतोडा घाट के समीप करेह नदी में हुई नौका दुर्घटना में 21 लोग मारे गए। नौका के बीच नदी में पहुंचते ही अचानक तेज आंधी शुरू हो गई जिससे नौका पलट गई। पंप सेट से संचालित इस बड़ी नौका पर 100 से ज्यादा लोग सवार थे।
   
दरभंगा जिले के बलात गांव के समीप नदी में 28 सितंबर की शाम तेज आंधी के कारण एक नौका के पलट जाने से उस पर सवार 42 लोगों की डूबने से मौत हो गई।
   
केरल के थेकाड़ी जिले में 30 सितंबर को एक नौका दुर्घटना में 45 लोग मारे गए। हादसा उस समय हुआ जब सरकारी डबल डेकर नौका जलकन्या 74 पर्यटकों को लेकर जा रही थी। झील के किनारे पेरियार वन्यजीव अभयारण्य में हाथियों को देखने के लिए कुछ पर्यटक नौका के एक छोर पर चले गए जिससे वह झुकी और डूब गई।

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