महाकुंभ पर भी आएगी उत्तराखंड संघर्ष की आंच
बिजनौर की ग्राम पंचायतों को उत्तराखंड में मिलाने की चिंगारी की आंच अब महाकुंभ पर भी पड़ने वाली है। आरपार की लड़ाई का ऐलान कर चुकी संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा है कि महाकुंभ के पहले दिन उत्तराखंड की...
बिजनौर की ग्राम पंचायतों को उत्तराखंड में मिलाने की चिंगारी की आंच अब महाकुंभ पर भी पड़ने वाली है। आरपार की लड़ाई का ऐलान कर चुकी संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा है कि महाकुंभ के पहले दिन उत्तराखंड की ओर जाने वाली सभी सीमाओं का सील कर दिया जाएगा।
पहले दिन लाखों श्रद्धालुओं को रास्ते में ही रोककर विरोध जताया जाएगा। अब निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी और किसी भी सूरत में हार नहीं मानी जाएगी। दूसरी और पूरे बिजनौर को उत्तराखंड में शामिल करने की मांग करने वाले व्यापारी भी आज डीएम से मिलकर इस बारे में ज्ञापन सौपेंगे।
उत्तराखंड संघर्ष समिति के संयोजक मनमोहन सिंह दुधपुडी का कहना है कि उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा उनकी मांग का विरोध करने पर नए सिरे से रणनीति पर विचार हो रहा है। तीन जनवरी को संघर्ष समिति की बैठक होगी जिसमें ठोस कदम पर विचार होगा।
इसी दौरान 14 जनवरी को महाकुंभ के पहले दिन सीमाओं को सील करने के फैसले पर मुहर लगेगी। उन्होंने कहा कि सभी सीमाओं को सील कर दिया जाएगा और किसी को भी बिजनौर के रास्ते उत्तराखंड में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ी तो इस आंदोलन को आगे भी बढ़ाया जाएगा।
हमने भी लडी है लड़ाई---दुधपुडी
उत्तराखंड संघर्ष समिति के संयोजक मनमोहन सिंह दुधपुडी का कहना है कि उत्तराखंड के निर्माण के समय वह भी जेल गए हैं। अब वह अपने क्षेत्र को उत्तराखंड में शामिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोडेंगे। महाकुंभ के पहले दिन सीमाओं को सील करने की योजना भी इसी कड़ी का हिस्सा है।