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बेवजह हॉर्न बजाने वाले वाहन चालकों को प्रेरित करेंगे

ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम कसने के लिए गुड़गांव पुलिस, दिल्ली-गुड़गांव सुपर कनेक्टिविटी लिमिटेड और द अर्थ सेवियर फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से एंटी हॉकिंग ड्राइव की शुरूआत की है। इसके तहत अगले...

बेवजह हॉर्न बजाने वाले वाहन चालकों को प्रेरित करेंगे
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 22 Dec 2009 09:55 PM
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ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम कसने के लिए गुड़गांव पुलिस, दिल्ली-गुड़गांव सुपर कनेक्टिविटी लिमिटेड और द अर्थ सेवियर फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से एंटी हॉकिंग ड्राइव की शुरूआत की है। इसके तहत अगले सात दिनों में टोल बैरियर से गुजरने वाले एक लाख से अधिक वाहनों चालकों को जागरूक करने की योजना है। मंगलवार को भी टोल बैरियर से गुजरने वाले वाहन चालकों को हॉर्न के बेवजह इस्तेमाल के प्रति जागरूक किया गया ताकि प्रदूषण के स्तर को कम करने की इस मुहिम में अधिक से अधिक लोगों को भी शामिल किया जा सके।

28 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत द अर्थ सेवियर फाउंडेशन के वालेंटियर्स ने एक तरफ जहां वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए पोस्टर्स और स्टीकर बांटे और साथ ही हॉर्न के कम से कम इस्तेमाल के प्रेरित करने वाले संदेश भी दिए। कॉमर्शियल वाहनों में लिखे हॉर्न प्लीज के संदेश को भी पेंट से काला कर दिया गया। इस दौरान टोल बैरियर से गुजरने वाले दोपहिया वाहनों, कार सहित तमाम कॉमर्शियल वाहन चालकों को प्रदूषण स्तर कम करने में सहयोग के लिए प्रेरित किया गया। इस मौके पर नामीबिया के उच्चयुक्त एमएन कापेवाशा, लेसेथों के उच्चयुक्त डा. शब्बीर एच पीरभाई सहित 40 से अधिक स्कूली छात्र व वॉलेटियर्स भी शामिल हुए। अभियान की शुरुआत के मौके पर मौजूद डीएससी के ईडी अनुराग कूबा ने कहा कि एक्सप्रेस वे की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिहाज से एंटी हॉंकिंग ड्राइव की शुरुआत एक सराहनीय कदम है। इससे ना केवल प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी, बल्कि सुरक्षित यात्रा भी सुनिश्चित करना संभव होगा।

शोर मचाने वालों में दोपहिया वाहन चालक सबसे आगे-
बेवजह हॉर्न बजाकर, ध्वनि प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने के लिए सर्वाधिक जिम्मेवार दोपहिया वाहन चालक हैं। द अर्थ सेवियर फाउंडेशन ने कुछ महीने पहले दिल्ली और आसपास के अलग-अलग इलाकों में वाहनों के हॉर्न से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का आकलन किया था। फाउंडेशन के फाउंडर प्रेजीडेंट रवि कालरा बताते हैं कि बेवजह हॉर्न बजाकर प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने के लिए दोपहिया वाहन चालक सर्वाधिक जिम्मेवार हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे वाहनों की संख्या 60 फीसदी से भी अधिक हैं। कॉमर्शियल खासकर ट्रक और बसों में धड़ल्ले से प्रेशर हॉर्न के हो रहे इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए कालरा ने कहा कि इससे कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान विदेश से आने वाले पर्यटकों के सामने भी देश की छवि खराब हो सकती है। उन्होंने दिल्ली की ब्लू लाइन के बाद एनसीआर के दूसरे शहरों में भी एंटी हॉकंग के लिए पहल को जरुरी करार दिया।

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