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प्रदीप सौरभ के पहले उपन्यास का लोकार्पण

वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सौरभ ने अपने पहले ही उपन्यास ‘मुन्नी मोबाइल’ में अपनी सशक्त लेखनी से समाज की विद्रूपताओं को बाहर लाने का प्रयास किया है। यह विचार प्रसिद्ध आलोचक प्रो. राजेन्द्र...

प्रदीप सौरभ के पहले उपन्यास का लोकार्पण
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 21 Dec 2009 08:57 PM
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वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सौरभ ने अपने पहले ही उपन्यास ‘मुन्नी मोबाइल’ में अपनी सशक्त लेखनी से समाज की विद्रूपताओं को बाहर लाने का प्रयास किया है। यह विचार प्रसिद्ध आलोचक प्रो. राजेन्द्र कुमार ने सामाजिक संदर्भो को लेकर लिखे गए उपन्यास ‘मुन्नी मोबाइल’ के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किए। 

प्रो. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रदीप ने अपनी इस रचना में फोटोग्राफी एवं पत्रकारिता के अनुभवों का सम्यक प्रयोग किया है। उसी प्रयोग के बल पर उन्होंने अपनी रचना के मुख्य पात्र को ही काल्पनिक नहीं बल्कि वास्तविक समझने की बात कही।

उनका कहना है कि पत्रकारिता जैसे पेशे में रहकर उन्होंने आपाधापी के माहौल में यह उपन्यास लिखा इसके लिए बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में प्रदीप ने साम्प्रदायिकता के वास्तविक चेहरे को जिस प्रकार से उभारने का प्रयास किया है वह उन्हीं जैसे साहसी पत्रकार से ही सम्भव है। यह उपन्यास समता विरोधी सम्बन्धों के लिए संघर्ष करते समाज की विद्रूपताओं को सामने लाता है।

इससे पूर्व प्रदीप सौरभ ने अपनी पुस्तक ‘मुन्नी मोबाइल’ के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लेखक से उसकी पुस्तक के बारे में पूछने से अच्छा उसको पढ़कर जानना उचित होता है। साहित्यकार अजामिल ने कहा कि प्रदीप ने अपनी पुस्तक के विमोचन के लिए इलाहाबाद को चुनकर नगर का सम्मान किया है।

उन्होंने कहा-‘मित्र प्रदीप के रचना पूरी करने पर मै उनको बधाई देता हूँ।’ वरिष्ठ पत्रकार गोपाल रंजन ने प्रदीप सौरभ के इस उपन्यास के आने के बाद आशा जताई की वह शीघ्र ही अपने प्रशंसकों को नई पुस्तक भी देंगे।
कार्यक्रम का संचालन एवं पुस्तक के मर्म को समझाने का काम युवा कवि मृत्युंजय ने किया।

कार्यक्रम परिवेश संस्था की ओर से आयोजित किया। कार्यक्रम का संयोजन दृश्यकला विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय जेतली ने किया। इस मौके पर स्नेह मधुर, श्याम कृष्ण पाण्डेय, धनंजय चोपड़ा, सुनील श्रीवास्तव, एसके यादव, निरंजन सिंह, मीनू रानी दुबे, प्रेमशंकर सिंह, पुनीत मालवीय सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे। कार्यक्रम इलाहाबाद विश्वविद्यालय के निराला सभागार में आयोजित किया गया। इस पुस्तक का प्रकाशन वाणी प्रकाशन ने किया है।

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