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शेयर नहीं तो इंडेक्स फण्ड

अगर आपको शेयर बाजार में सीधे निवेश से डर लगता है तो कोई बात नहीं। ऐसा बहुतों के साथ है। लेकिन मन तो करता है कि शेयर बाजार में कुछ न कुछ निवेश तो किया जाए। अगर स्थिति ऐसी है तो इंडेक्स फण्ड आपके लिए...

शेयर नहीं तो इंडेक्स फण्ड
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 21 Dec 2009 12:58 AM
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अगर आपको शेयर बाजार में सीधे निवेश से डर लगता है तो कोई बात नहीं। ऐसा बहुतों के साथ है। लेकिन मन तो करता है कि शेयर बाजार में कुछ न कुछ निवेश तो किया जाए। अगर स्थिति ऐसी है तो इंडेक्स फण्ड आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

शेयर बाजार में ढेर सारे शेयर सूचीबद्ध होते हैं। इनकी संख्या हजारों में है। ऐसे में अच्छे शेयर को छांटना और फिर उनमें सही समय पर निवेश करना एक कठिन काम है। ऐसे में म्यूचुअल फण्ड कंपनियों ने एक रास्ता निकाला है जिसे इंडेक्स फण्ड कहते हैं। यह फण्ड जिस इंडेक्स का प्रतिनिधित्व करते हैं उनकी ज्यादातर कंपनियों में निवेश करते है।

अगर किसी निवेशक के पास पांच या दस हजार रुपए हैं तो वह कितनी ब्यूचिप कंपनियों के शेयर खरीद सकता है। शायद एक या दो कंपनियों के कुछ शेयर। लेकिन अगर वह इंडेक्स फण्ड में यह पैसा डालता है तो उसे उस इंडेक्स की सभी कंपनियों में हिस्सेदारी मिलती है। जैसे अगर कोई ऐसे इंडेक्स फण्ड में पैसा लगाता है जिसका बैंचमार्क सेंसेक्स है तो उसको सेंसेक्स की तीस कंपनियों में उसी अनुपात में निवेश का मौका मिलता है जो अनुपात सेंसेक्स में कंपनियों का है। छोटे समय में इसमें निवेश रिस्की नजर आता है लेकिन लम्बे समय में यह काफी फायदेमंद सिद्ध होता है। जब से सूचकांक बना है उसका औसत रिटर्न 15 फीसदी से ज्यादा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर इतना रिटर्न दसियों साल मिले तो दस हजार रुपए भी लाखों रुपए में बदल सकता है।
 
इंडेक्स फण्ड में निवेश से यह जरूर देख लें कि उसका रिटर्न पहले कैसा रहा है। इसके लिए फण्ड के रिटर्न और उसके बैंकमार्क का रिटर्न की तुलना करना ठीक रहेगा। अगर फण्ड का रिटर्न उसके बैंचमार्क से बेहतर है तो निवेश की राय बनाई जा सकती है। ऐसे फण्ड में आमतौर पर हर माह की जगह हर गिरावट पर निवेश की रणनीति बनाई जाए ज्यादा फायदेमंद सिद्ध होगी।

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