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पोर्टफोलियो में संतुलन रखें

क्या अपने पोर्टफोलियो में म्यूचुअल फंड की स्कीमों की गिनती आप भूल चुके हैं? फंड्स बेचने वाले एजेंटों के लिए मुआवजे के बाद यह तथ्य सामने आया था कि लोगों को मार्किट में आने वाला हरेक नया फंड बेचा गया...

पोर्टफोलियो में संतुलन रखें
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 18 Dec 2009 11:45 PM
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क्या अपने पोर्टफोलियो में म्यूचुअल फंड की स्कीमों की गिनती आप भूल चुके हैं? फंड्स बेचने वाले एजेंटों के लिए मुआवजे के बाद यह तथ्य सामने आया था कि लोगों को मार्किट में आने वाला हरेक नया फंड बेचा गया था। अधिकांशत: एक ही काम करने वाले इनवेस्टरों के बीच 25-30 स्कीमें होना कोई असाधारण बात नहीं। ऐसे में ये समस्या क्यों है? मुख्यत: म्यूचुअल फंड पैसे का छोटा सा पूल होता है जिसे मैनेजर आम राय के बाद निवेश करता है। लिहाजा, कई फंड मार्किट के बड़े इंडेक्स-लिंक्ड रिटर्न के लिए निवेश करते हैं। कई अन्य फंड मझोले और छोटे सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करते हैं। कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य कंज्यूमर उत्पादों की ओर देखते हैं। एक पोर्टफोलियो में रिस्क कवर करने के लिए अलग-अलग स्कीमें चुनी जानी चाहिए। इसलिए पहले कुछ बातें जान लें।

फंड परफॉर्मेस चेक करें
पहला स्टेप होता है कि आपके पास जो फंड है उसकी परफॉर्मेस चेक करें और अगर कोई कारण है तो स्वीकार करें कि आपने खराब निवेश किया है। लेकिन फैसला लेने से पहले इस बात को जरूर जांच लें कि कहीं इसका कारण अंडर परफॉर्मेस तो नहीं। उदाहरण के तौर पर 2008 में मिड कैप फंड ने 60 प्रतिशत का घाटा उठाया जबकि सीएनएक्स मिड कैप ने 59 प्रतिशत का नुकसान उठाया। इस दौर में निवेश सिर्फ किसी एक फंड के आधार पर ही निश्चित नहीं होना चाहिए।

म्यूचुअल फंड पर ही टिके न रहें
उस फंड के प्रति आकर्षण होना स्वाभाविक है जिसकी स्कीम बेहतर प्रदर्शन कर रही हो। हालांकि आपका म्यूचुअल फंड निवेश इंडियन ट्रस्ट एक्ट 1882 के मुताबिक एक ट्रस्ट होता है और अगर आपका फंड हाउस मुश्किल में है फिर भी आपका पैसा सुरक्षित रहता है। बेहतर यही है कि आप जोखिम से बचने के लिए दायरे को बढ़ाएं जिससे कुछ भी गलत होने की स्थिति में आपका जोखिम बढ़ने नहीं पाएगा।

किसी एक सेक्टर से जुड़े न रहें
बहुत पुरानी बात नहीं है जब इंफ्रास्ट्रक्चर फंड तमाम फंड हाउस, एजेंट और निवेश की पसंद थे। उदाहरण के तौर पर टाटा म्यूचुअल फंड के चार तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड होते हैं। जिसके बीच वे भारतीय, उभरते और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की उभरती कंपनियों में निवेश करते हैं। बेंगलुरू बेस्ड फाइनेंशियल प्लानर लोवाई नवलाखी कहते हैं कि चारों फंड के गुणधर्म अलग होते हैं, लेकिन कई निवेश के डाइवर्सििफकेशन को सीमित कर देते हैं। सामान्यत: इंफ्रास्ट्रक्चर फंड पोर्टफोलियो का छोटा हिस्सा होता है। एक या दो फंड ही पर्याप्त होते हैं।

टैक्स के बोझ को समझों
अंतिम निर्णय लेने से पहले आपको अंतिम बार देखना होगा। यह देखें कि किसी फंड से बाहर निकलने के दौरान आपको टैक्स अदा न करना पड़े। अगर आपने एक साल से पहले ही इक्विटी फंड बेच दिया तो आपको 15.45 प्रतिशत शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (सेस सहित)देना होगा। यह टैक्स आप पर तब नहीं लगेगा जब आपके फंड का एक साल पूरा हो चुका होगा। मुंबई बेस्ड फाइनेंशियल प्लानर गौरव मशरुवाला कहते हैं कि जब तक आपको पैसे की बेहद जरूरत न हो तब तक फंड को एक साल तक अपने पास होल्ड रखें। एक बार अपनी कमियों को पहचान लिया तो आपको उससे छुटकारा पाने की जरूरत है। नार्मल फंड के लिए आपको पैसे विड्रा करने की जरूरत है और फंड अपने आप ही बंद हो जाएगा। सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) आपके बैंक अकाउंट से सीधे जुड़ा हुआ है। आपको छूट के लिए खत भेजना होगा। छूट तभी मिलेगी जब आपको फंड हाउस से किसी भी तरह की पावती मिले।

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