पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में कराने की तैयारी
प्रधानी के चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से कराने के आसार अब नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी ईवीएम की आस पूरी तरह से छोड़ दी है। आयोग अब पुरानी पद्धति से ही चुनाव कराने के लिए...
प्रधानी के चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से कराने के आसार अब नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी ईवीएम की आस पूरी तरह से छोड़ दी है।
आयोग अब पुरानी पद्धति से ही चुनाव कराने के लिए मतपेटियों और मतपत्रों की व्यवस्था करने में जुट गया है। इसके लिए टेण्डर की प्रक्रिया चल रही है। पंचायत चुनाव भी अब जून के बजाए अप्रैल- मई में कराने की योजना है।
राज्य सरकार ने आयोग से कह दिया है कि 15 मई के पहले चुनाव कराने की व्यवस्था की जाए। इसे देखते हुए आयोग नए सिरे से चुनाव कार्यक्रम तैयार करने में जुट गया है। अगर सरकार ने आयोग के कार्यक्रम को हरी झंडी दिखा दी तो चुनाव प्रक्रिया मई के पहले पखवारे तक पूरी कर ली जाएगी।
इस बार के पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने की पहले योजना बनाई गई थी। इसके लिए सरकार ने बजट में पर्याप्त धन की भी व्यवस्था की थी किन्तु दो समस्याएँ आ रही थीं।
पहली यह कि इतनी बड़ी संख्या में इस चुनाव के लिए ईवीएम की आवश्यकता थी जिसे कम्पनियों द्वारा निश्चित समय के भीतर पूरा कर पाना सम्भव नहीं हो रहा था। दूसरा, राज्य सरकार को मतपत्रों के साथ ही इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से चुनाव कराने के लिए पंचायत एक्ट में संशोधन करना था।
आयोग ने इसके लिए राज्य सरकार को कई पत्र और रिमाइंडर भेजे किन्तु सरकार ने न तो कोई जवाब दिया और न ही एक्ट में संशोधन किया। एक्ट में संशोधन किए बिना ईवीएम के जरिए चुनाव किसी भी हालत में कराए नहीं जा सकते हैं। ऐसी स्थिति में राज्य निर्वाचन आयोग ने मतपेटियों और मतपत्रों की व्यवस्था करने का काम शुरू कर दिया है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेन्द्र भौनवाल कहते हैं कि अब हमारे पास समय नहीं है। नए पंचायत चुनाव मतपेटियों और मतपत्रों के जरिए पहले की ही तरह कराए जाएँगे। हम इनकी व्यवस्था में जुटे हुए हैं।
सूत्र बताते हैं कि केन्द्र सरकार ने नई जनगणना के लिए 15 मई से 30 जून तक का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा है कि जनगणना का कार्य शुरू होने के पहले हर हाल में ग्राम प्रधान व पंचायत सदस्यों के चुनाव सम्पन्न करा लिए जाएँ।
सूत्रों के अनुसार पंचायतीराज मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में हुई शासन व आयोग के अधिकारियों की एक बैठक में इस मुद्दे पर सहमति होने के बाद आयोग ने अप्रैल-मई का नया संशोधित चुनाव कार्यक्रम तैयार करना शुरू कर दिया है। इसे शीघ्र ही राज्य सरकार को भेजा जाएगा।