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पत्नी-पुत्री के हत्यारे को फाँसी की सजा

सेशन जज की अदालत ने पत्नी और पुत्री की हत्या के आरोपित को मृत्युदण्ड व सात हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा की सजा सुनाई है। यह मामला गंगापार के बहरिया थाना के ग्राम करनाईपुर का है। अपर सेशन जज श्याम...

पत्नी-पुत्री के हत्यारे को फाँसी की सजा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 18 Dec 2009 08:22 PM
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सेशन जज की अदालत ने पत्नी और पुत्री की हत्या के आरोपित को मृत्युदण्ड व सात हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा की सजा सुनाई है। यह मामला गंगापार के बहरिया थाना के ग्राम करनाईपुर का है।

अपर सेशन जज श्याम लाल ने 25 पेज के फैसले में कहा है-‘अभियुक्त राम समुझ को गर्दन में फाँसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मौत न हो जाए।’ न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मामले में तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह प्रकरण ‘दुर्लभतम से दुर्लभ’ श्रेणी में आता है। इसलिए अभियुक्त को मृत्युदण्ड से कम का दण्ड दिया जाना न्याय का परिहास होगा।

न्यायाधीश श्रीलाल ने कहा कि पाँच वर्षीय पुत्री कु. सोनी व पत्नी को रस्सी से फाँसी लगाकर अभियुक्त ने उनकी हत्या कर दी और सबूत छिपाने के लिए व अपने को दण्ड से बचाने की गरज से उसने दोनों मृतकों की लाशें तालाब में फेंक दी। उसने ऐसे लोगों की हत्या की जिनका वह संरक्षक था। इसलिए ऐसे अपराधी के साथ नरम रुख अपनाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है।

अदालत ने मामले पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि न्याय सर्वोच्च है तथा न्याय का उद्देश्य समाज को लाभ पहुँचाना होना चाहिए ताकि समाज बेहतर स्थिति में आ सके। अपर शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चन्द्र अग्रहरि ने अदालत को बताया कि जिला प्रतापगढ़ के थाना फतनपुर के ग्राम नौडेरा निवासी बृजलाल यादव की पुत्री उर्मिला की शादी मई 2000 में बहरिया थाना के करनाईपुर ग्राम निवासी रामनाथ के लड़के राम समुझ के साथ हुई थी। उनको एक बच्ची कु. सोनी (5) पैदा हुई थी।

11 सितम्बर 06 को 9.30 बजे सुबह रामनाथ ने थाने पर सूचना दी कि उसकी बहू व पोती शौच के लिए जाने के बाद लौटी नहीं। तलाश करने पर दोनों की लाशें तालाब में उतराती पाई गईं। पुलिस ने उसी दिन पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए लाशों को अस्पताल भेज दिया, परन्तु डाक्टरों ने आपत्ति लगा दी कि उसका पंचनामा तो मजिस्ट्रेट ने नहीं किया है।

इसके बाद पुलिस की पहल पर उपजिलाधिकारी फूलपुर के आदेश पर नायब तहसीलदार तिलेश्वर प्रसाद ने पंचनामा किया। फिर 13 सितम्बर को पोस्टमार्टम हुआ। डॉक्टरों ने कोर्ट में साबित किया कि दोनों की मौत ढाई दिन पूर्व हुई थी। दाँतों के बीच से जीभ निकली हुई थी। पूरे फंदे का निशान था, गले की हड्डी टूटी हुई थी तथा मृत्यु गला दबने से दम घुटने से हुई थी, पुलिस ने आरोपपत्र पेश किया।

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