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जुगाड़ से चल रही रोडवेज की बसें

ऋषिकेश रोडवेज डिपो का वर्कशाप 28 कर्मियों के भरोसे चल रहा है। वर्कशाप में 62 पदों के सापेक्ष मात्र 28 कर्मचारी तैनात हैं। वर्कशाप में आधुनिक उपकरणों का भी अभाव है। डिपो प्रबंधन इसके लिए कई बार...

जुगाड़ से चल रही रोडवेज की बसें
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 17 Dec 2009 11:02 PM
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ऋषिकेश रोडवेज डिपो का वर्कशाप 28 कर्मियों के भरोसे चल रहा है। वर्कशाप में 62 पदों के सापेक्ष मात्र 28 कर्मचारी तैनात हैं। वर्कशाप में आधुनिक उपकरणों का भी अभाव है। डिपो प्रबंधन इसके लिए कई बार उच्चधिकारियों को प्रस्ताव भेज चुका है लेकिन अभी तक इस पर कोई गौर नहीं किया गया।

उत्तराखंड रोड़वेज के ऋषिकेश डिपो के वर्कशाप की स्थिति बड़ी दयनीय है। यहां का वर्कशाप वर्षों से कर्मचारियों की पूर्ति के लिए तरस रहा है। डिपो के वर्कशाप में 62 कर्मचारियों का कार्य करीब 28 कर्मचारी संभाल रहे हैं। यानि स्वीकृत पदों के सापेक्ष में वर्कशाप में आधे से भी कम कर्मी तैनात हैं। खास बात यह है कि इस डिपो पर गढ़वाल से मैदान जाने वाले लोगों का खासा दबाव रहता है।

डिपो के बेड़े में वर्तमान समय में करीब 60 बसें हैं। इनमें से वर्कशाप में प्रतिदिन करीब पांच से दस बसें खड़ी रहती हैं। कर्मचारियों की कमी के कारण कई बार बसें हफ्तों खड़ी रह जाती हैं। परिणामस्वरूप किसी न किसी रूट पर रोडवेज की बसों की संख्या में कमी आ जाती है। इससे रोडवेज की आय पर भी खासा असर पड़ता है।वर्कशाप में कई पदों पर प्रशिक्षित और कुशल कारीगर न होने से बसों के रखरखाव पर भी असर पड़ता है। जिस कारण बसें जल्द ही दोबारा वर्कशाप में पहुंच जाती हैं। 

वर्कशाप के दो महत्वपूर्ण विभागों में तो एक भी कर्मचारी नियुक्त नहीं है। नाम न बताने पर एक कर्मचारी ने बताया कि कुछ हाईटैक बसें भी बूढी हो चुकी हैं, लेकिन डिपो प्रबंधन उन्हें जबरदस्ती रूटों पर धकेल रहा है और ये बसें लंबे रूटों पर कई बार दम तोड़ देती हैं। जिससे कई बार यात्रियों के समक्ष समस्यायें खड़ी हो जाती हैं।

इनसेट---
शेड और डग भी नहीं
मरम्मत के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला डग भी डिपो वर्कशॉप में नहीं बना है। आधुनिक युग में भी डिपो के मैकेनिक डग का कार्य जेक से या बस के नीचे लेटकर करते हैं। जिसके कारण मरम्मत के लिए जरुरत से ज्यादा समय लग जाता है। यही नहीं बारिश और तेज धूप में काम करने के लिए खुला शेड भी नहीं बनाया गया है। शेड न होने के कारण गर्मी व बरसात में कार्य करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

फोटो नंबर-6
कैप्शन-रोडवेज डिपो की कार्यशाला में मरम्मत के इंतजार में खड़ी बसें।

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