अफसर बैठे रहे, पर फरियादी नहीं आए
प्रदेश शासन ने तहसील दिवसों का आयोजन इसलिए शुरू कराया था ताकि पब्लिक को अपनी शिकायतों के लिए जिला मुख्यालयों के चक्कर न काटने पड़े। प्रशासनिक मशीनरी की लापरवाही और बेरुखी की वजह से तहसील दिवसों...
प्रदेश शासन ने तहसील दिवसों का आयोजन इसलिए शुरू कराया था ताकि पब्लिक को अपनी शिकायतों के लिए जिला मुख्यालयों के चक्कर न काटने पड़े। प्रशासनिक मशीनरी की लापरवाही और बेरुखी की वजह से तहसील दिवसों का आयोजन प्रभावी साबित नहीं हो पा रहा। यही वजह है कि अब लोगों ने ऐसी जगहों पर पहुंचकर शिकायतें करना ही बंद कर दिया है।
मंगलवार को गाजियाबाद तहसील सदर और हापुड़ में तहसील दिवस का आयोजन किया गया था। सदर तहसील दिवस गांधी नगर के कम्यूनिटी सेंटर पर आयोजित हुआ। दोनों ही जगहों पर जनता की शिकायतें सुनने के लिए जिलाधिकारी आर.रमेश कुमार, एसएसपी अखिल कुमार बारी-बारी पहुंचे। पुलिस प्रशासन और बाकी सभी विभागों के अफसर भी मौजूद रहे। जानकर हैरत होगी इतनी लंबी कवायद के बाद भी दो जगह के तहसील दिवस में सिर्फ 28 मामले अफसरों के सामने दर्ज हुए। इससे भी हास्यास्पद बात यह है कि अफसरों की भीड़ 28 में से सिर्फ आठ मामलों का ही मौके पर निराकरण करा पाई। जिलाधिकारी और एसएसपी ने अफसरों को फरियादियों की संख्या कम देखी तो वह हालात भांप गए। दोनों अफसरों ने इसे लेकर अफसरों को कड़े निर्देश भी जारी किए। हिदायत दी कि जनता के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ निपटाया जाए। किसी भी स्तर पर लापरवाही हुई तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।