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नौकरी छोड़ बिजनेस आजमाना हो सकता है फायदेमंद

हर इनसान के जेहन में कहीं न कहीं कुछ अलग करने की ख्वाहिश होती है। कुछ व्यक्तियों की यह ख्वाहिश पूरी होती है तो कुछ की ख्वाहिश दम तोड़ देती है। बिहार के बेगूसराय से दिल्ली नौकरी की तलाश में आए रवि...

नौकरी छोड़ बिजनेस आजमाना हो सकता है फायदेमंद
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 14 Dec 2009 10:43 PM
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हर इनसान के जेहन में कहीं न कहीं कुछ अलग करने की ख्वाहिश होती है। कुछ व्यक्तियों की यह ख्वाहिश पूरी होती है तो कुछ की ख्वाहिश दम तोड़ देती है। बिहार के बेगूसराय से दिल्ली नौकरी की तलाश में आए रवि कुमार दर-दर भटकने के बाद एक छोटे से समाचार पत्र में काम करने लगे। रोजाना सुबह दस बजे घर से निकलते रवि को लौटने में रात के कभी दस तो कभी बारह भी बज जाते हैं और महीने के अंत में हाथ आते कुछ हजार रुपए। इतनी मेहनत और दौड़ धूप के बाद अपने परिश्रम का उचित परिणाम न मिलने से निराश रवि ने धंधा शुरू करने का मन बनाया।

सर्वप्रथम काम और पूंजी सबसे बड़ी समस्या उनके सामने थी। ऐसे में उन्होंने एक लोकल साप्ताहिक पेपर का टाइटल कुछ हजार रुपए में खरीदकर उसे छापना शुरू किया। अपनी मेहनत और दौड़धूप के दम पर आज वह एक साप्ताहिक समाचार पत्र के साथ मासिक पत्रिका और एक वेबसाइट के मालिक हैं और उनके मातहत 15 लोग कार्यरत हैं। इसके अलावा, देश में कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर बिजनेस में हाथ आजमाया और काफी सफल हुए। वहीं कई लोगों ने बिजनेस छोड़कर नौकरी की।

एयरफोर्स ज्वाइन करने से पहले विशाल मदान अपने पिता के तेल के व्यवसाय में हाथ बंटाते थे। अच्छी कद काठी के विशाल के पिताजी चाहते थे कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर बिजनेस की जिम्मेदारी संभाल ले, लेकिन विशाल की ख्वाहिश सरकारी नौकरी करने की थी। उनका कहना था कि वह पिताजी की हाड़तोड़ मेहनत और दिनभर दौड़-धूप देखकर बिजनेस नहीं करना चाहता था। ऐसे में उसने नौकरी को प्राथमिकता दी। उसके अनुसार बिजनेस में आप जितनी मेहनत करेंगे, उतना कमाएंगे लेकिन नौकरी में आप हर माह एक निश्चित सैलरी है और परिवार के साथ समय भी बिता सकते हैं।

गत डेढ़ वर्ष में देश और दुनिया में छाई मंदी ने कई लोगों की नौकरी छीन ली। इसमें कई लोगों ने अन्य स्थानों पर नौकरी का जुगाड़ किया तो कुछ ने बिजनेस में भाग्य आजमाया। रवि का कहना है कि नौकरी छोड़ने पर सबसे बड़ी समस्या पूंजी की थी। कमाई अचानक बंद होने की वजह से काफी दिक्कत हो रही थी। इस बारे में कॅरियर काउंसलर डॉक्टर मीनाक्षी वर्मा का कहना है कि नौकरी जाने के समय अगर व्यक्ति को फैमिली सपोर्ट मिल जाए तो वह हर मुश्किल से बाहर निकल सकता है।

उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल के दौरान उनके यहां बड़ी संख्या में नौकरी जाने या सैलरी कटने से परेशान लोग आए। इनमें ज्यादातर लोगों ने नौकरी बदलने की बात की, हालांकि कुछ लोगों ने खुद का बिजनेस शुरू करने की भी इच्छा जताई। बिजनेस से नौकरी के क्षेत्र में जाने वाले लोग काफी कम होते हैं। नौकरी से बिजनेस या बिजनेस से नौकरी की ओर बढ़ने के दौर ये समस्याएं सबसे ज्यादा सामने आती हैं।

क्या करूं
नौकरी छोड़कर बिजनेस के क्षेत्र में जाने के इच्छुक लोगों के सामने सबसे पहली समस्या यह आती है कि वह कौन सा बिजनेस शुरू करें। मार्केट में कई विकल्प होने की वजह से लोग असमंजस में रहते हैं कि वह क्या बिजनेस शुरू करें। इस बारे में कॅरियर काउंसलर मीनाक्षी का कहना है कि मार्केट में कई ऑप्शन की वजह से ही लोग सही कार्य का चुनाव करने में खुद को असमर्थ पाते हैं। कभी-कभी कुछ लोग अपने आसपास या फिर रिश्तेदार, दोस्तों को देखकर कोई बिजनेस शुरू करते हैं, लेकिन फिर पाते हैं उसकी उन्हें कोई समझ नहीं थी। ऐसे में पहले यह सोचना होगा, कि वह किस तरह की जॉब कर चुके हैं।

ऑटो पार्ट, इंजीनियरिंग, दवा, सेल्स, मीडिया या एजुकेशन क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों को इन्हीं से संबंधित बिजनेस में हाथ आजमाना चाहिए क्योंकि उन्हें इस फील्ड की बेसिक नॉलेज होती है जिससे वह मार्केट की रिक्वायरमेंट को बखूबी समझ सकते हैं। वहीं बिजनेसमैन के साथ सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि ज्यादातर नौकरियों में आयु सीमा होती है, जिससे उसके सामने विकल्प कम हो जाते हैं, क्योंकि वह जिस चीज का बिजनेस कर रहा है, जरूरी नहीं कि उसे वहां जॉब भी मिले। कुछ युवा सिर्फ अनुभव के लिए नौकरी करते हैं। उसके बाद अपने बिजनेस में लौट आते हैं।

फाइनेंस
नौकरी छोड़ने के बाद बिजनेस शुरू करने में दूसरी सबसे बड़ी समस्या फाइनेंस की होती है। एक नौकरीपेशा व्यक्ति अगर रिटायरमेंट के आसपास बिजनेस शुरू करने की सोच रहा है तो उसके लिए पैसे की समस्या उतनी बड़ी नहीं होती जितनी कि उस युवा को, जिसने दो-चार साल की सर्विस के बाद बिजनेस में जाने का मन बनाया हो। हालांकि, आजकल कई सरकारी और प्राइवेट बैंक रोजगार शुरू करने के इच्छुक लोगों को आकर्षक दरों पर लोन दे रहे हैं। आजकल घर बैठे भी कई बिजनेस के विकल्प उभरकर सामने आ रहे हैं, जिनमें दो से पांच लाख रुपए में आसानी से बिजनेस शुरू किया जा सकता है। वहीं बिजनेस से नौकरी में जाने वालों के लिए पैसा कोई समस्या नहीं होती।

रिस्क फैक्टर
तीसरी समस्या रिस्क को लेकर है। मंदी के कारण नौकरियों में हुई छंटनी, जॉब्स की कमी को छोड़ दिया जाए तो नौकरी से एकमुश्त बड़ी संख्या में लोगों को निकालने का भारत में चलन नहीं रहा है। हालांकि इस मंदी में नौकरी से निकाले गए या नौकरी छोड़ बिजनेस का रुख करने वाले लोगों में काफी इजाफा हुआ है। नौकरी छोड़कर बिजनेस शुरू करने वाले लोगों के मन में सफलता और असफलता को लेकर काफी द्वंद्व चलता रहता है। इस बारे में कॅरियर काउंसलर जितेन्द्र चावला का कहना है कि कई बार लोग बिजनेस चलेगा या नहीं की अनिश्चितता को लेकर इतना परेशान हो जाते हैं कि वह धंधे पर पूरा ध्यान ही नहीं दे पाते जिससे उनकी असफलता का रेशो बढ़ जाता है। उनका कहना है कि बिजनेस में रिस्क फैक्टर तो रहता है लेकिन मेहनत करने पर सफलता मिलती ही है।

फैमिली सपोर्ट
नौकरी छूटने या छोड़ने के बाद खाली समय में फैमिली सपोर्ट किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी हो जाता है। रवि का कहना है कि नौकरी छोड़ने के दो माह तक मुङो समझ में ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं क्योंकि सैलरी का अब कोई सवाल ही नहीं था। खर्चे वैसे ही थे। घर का किराया, दूध, खाने में कटौती की नहीं जा सकती थी। हां, खरीदारी और घूमना-फिरना जरूर बंद कर दिया। ऐसे में पत्नी की बचत और पिता द्वारा आर्थिक मदद और मानसिक संबल की मदद से ही मैं दोबारा संभल सका।

मानसिकता और स्वतंत्रता
एसजी एस्टेट लिमिटेड के डायरेक्टर गौरव गुप्ता का रियल एस्टेट का बिजनेस था। इसके बावजूद उन्होंने केवल अनुभव हासिल करने के लिए एक कंपनी में काम किया और बाद फिर अपनी कंपनी ज्वाइंन कर ली। उनका कहना है कि नौकरी में आपको एक बंधे बंधाए सिस्टम में काम करना पड़ता है, जबकि बिजनेस में आप फ्री होते हैं। नौकरी में किसी आइडिया के अप्रूवल के लिए अपने बॉस के आगे कई बार नतमस्तक होना पड़ता है और बिजनेस में आप हमेशा फ्री होते हैं। डॉ. मीनाक्षी कहती हैं कि नौकरी में आपको सिस्टम को फॉलो करना पड़ता है, जबकि बिजनेस में ऐसी कोई बंदिश नहीं होती। आप स्वतंत्र होकर अपने फैसले खुद लेते हैं।

ब्रांड
काउंसलर जितेन्द्र चावला का कहना है कि नौकरी के दौरान आपके साथ कंपनी का ब्रांड नेम होता है, लेकिन बिजनेस में आपको अपना नाम खुद डेवलप करने होते हैं। शुरुआत में आपके सामने अपनी पहचान और अपने ब्रांड की इमेज बनाने की चुनौती होती है तो बाद में उस इमेज को बनाए रखने की लड़ाई लड़नी होती है। बिजनेस ज्यादा मेहनत मांगता है।

कमाई और लाइफ स्टाइल
नौकरी में आपको निश्चित समय पर निर्धारित पैकेज के अनुसार सैलरी मिल जाती है, लेकिन बिजनेस में कभी आप फायदे में होते हैं तो कभी घाटे में। जितेन्द्र और मीनाक्षी दोनों का ही कहना है कि कमाई के लिहाज से नौकरी सेफ है, इसी वजह से उनके यहां आने वाले 80 से 90 फीसदी लोग नौकरी में ही स्विचओवर की इच्छा जताते हैं। मात्र 10 से 15 फीसदी लोग ही नौकरी से बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचते हैं। इसकी मुख्य वजह हर माह की इनकम होती है। उनकी जीवनशैली ऐसी हो चुकी है कि वे बिजनेस के लिए दौड़धूप और इनकम की अनिश्चितता के बारे में सोच नहीं पाते। बिजनेस में बंधा शेडय़ूल नहीं होता।

हस्तियां जिन्होंने नौकरी छोड़ दिखाया कमाल
हमारे देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने अच्छी खासी नौकरी को ठुकराकर बिजनेस में हाथ आजमाया और उसमें काफी सफल भी हुए। इनमें इंफोसिस के संस्थापक एन. नारायणमूर्ति का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने आईआईटी से पास आउट होने के बाद कुछ साल नौकरी की, लेकिन कुछ अलग करने की चाह में पत्नी से पैसे उधार लेकर इंफोसिस की नींव डाली और आज इंफोसिस देश ही नहीं पूरी दुनिया में अपने नाम का झंडा गाड़ चुकी है। धीरूभाई अंबानी, जगदीश खट्टर समेत अनेक दिग्गज हस्तियों ने अपनी नौकरी छोड़कर बिजनेस में हाथ आजमाया और सफल रहे।

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