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बेटी से नाजायज रिश्ते बनाने में नाकाम कलयुगी पिता ने बेटी व भाई की हत्या की

बेटी से नाजायज रिश्ते बनाने में नाकाम कलयुगी पिता चन्द्रशेखर ने शनिवार की रात आशियाना में रह रहे अपने भाई रामू रावत (25) की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी और बेटी को चाकुओं के वार से मरणासन्न कर दिया।...

बेटी से नाजायज रिश्ते बनाने में नाकाम कलयुगी पिता ने बेटी व भाई की हत्या की
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 13 Dec 2009 10:35 PM
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बेटी से नाजायज रिश्ते बनाने में नाकाम कलयुगी पिता चन्द्रशेखर ने शनिवार की रात आशियाना में रह रहे अपने भाई रामू रावत (25) की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी और बेटी को चाकुओं के वार से मरणासन्न कर दिया। घायल लड़की का बलरामपुर चिकित्सालय में इलाज चल रहा है।

इस वारदात के पीछे उभरी इस जाहिरा वजह के साथ ही जमीन का विवाद भी सामने आ रहा है। घटनास्थल पर पहुँचे आईजी (रेंज) ने गंभीरता से वारदात की तफ्तीश का निर्देश दिया है।

आरोपित की तलाश में उतरेठिया समेत कई स्थानों पर छापे मारे गए लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। आशियाना थाने में हत्या और हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज की गई है।

आशियाना थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गाँव का निवासी चन्द्रशेखर पेशे से राजमिस्त्री है। सितम्बर माह में पत्नी की मौत होने के बाद वह उतरेठिया के रेलवे के गैंगहट में दो बेटियों के साथ रहने लगा था। इनमें से एक बेटी पाँच साल की है जबकि दूसरी बेटी 17 साल की है।

बताया गया है कि चन्द्रशेखर अपनी बड़ी बेटी से आपत्तिजनक हरकतें करता था। विरोध करने पर उसे बबर्रता पूर्वक पीटता था। 10 दिसम्बर को चन्द्रशेखर ने एक फिर बड़ी बेटी को पीटा, इसकी जानकारी मिलने पर चन्द्रशेखर का सगा भाई रामू रावत उतरेठिया जाकर दोनों भतीजियों को अपने साथ आशियाना के मिर्जापुर गाँव में ले आया था।

इससे बौखलाया चन्द्रशेखर10 दिसम्बर की रात को ही आशियाना थाने के उपनिरीक्षक वीरन्द्र सिंह और सिपाही निर्मल के साथ रामू रावत के घर जा धमका। पुलिस कर्मियों ने रामू रावत को धमकाया कि उसने अपनी भतीजियों को अगवा कर लिया है।

बताया गया है कि लड़कियों ने पुलिस कर्मियों को बताया कि वह पिता की प्रताड़ना से परेशान होकर चाचा के साथ आई हैं, इस पर पुलिस कर्मी अपने अंदाज में रामू रावत को चेतावनी देकर वापस लौट गए थे। शनिवार की रात शराब के नशे में धुत चन्द्रशेखर हथौड़ी और चाकू लेकर रामू रावत के घर पहुँचा।

घटनास्थल की परिस्थितियों से प्रतीत हो रहा था कि वह पीछे के हिस्से से मकान के अन्दर घुसा और बरामदे में चारपाई पर सो रहे रिक्शा चालक रामू रावत को चाकुओं से गोद कर मार डाला। चाकुओं के वार इतने तेज किए गए कि रामू चीख भी नहीं पाया। फिर उसके सिर पर हथौड़ी से कई बार किए।

भाई की हत्या करने के बाद हैवान चन्द्रशेखर ने अपनी बड़ी बेटी पर चाकुओं से ताबड़बोड़ वार किया। बेटी को भी मरा हुआ समझकर  चन्द्रशेखर भाग गया। सुबह रामू रावत के भांजे प्रकाश की नींद खुली तब उसने आसपास के लोगों को घटना की जानकारी दी। आईजी रेंज केएल मीणा समेत कई अधिकारी मौके पर पहुँचे।

गंभीर रूप से घायल चन्द्रशेखर की बेटी ने उनसे बताया कि उसका पिता की उस पर गलत नजर रखता था। विरोध करने पर पीटता था। जिसकी वजह से वह पिता के घर से चाचा के पास आ गई। उसका आरोप है कि चन्द्रशेखर ने ही उसके चाचा की हत्या की और उस पर जानलेवा हमला किया है।

शव का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। पुलिस का कहना है कि चन्द्रशेखर तो बेटी पर गलत नजर रखता ही था, रामू रावत के भी भतीजी से नाजायज संबंध होने की बात सामने आ रही है। दोनों भाइयों के बीच जमीन का भी विवाद था। सभी पहलुओं कीपड़ताल की जा रही है।

पुलिस ने बताया कि दो साल पहले दोनों भाइयों में झगड़ा हुआ था,जिसमें उनकी माँ की मौत हो गई थी। तब चन्द्रशेखर ने अपने भाई रामू रावत के खिलाफ माँ की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में कुछ दिन पहले ही रामू छूटा और अदालत से भी दोषमुक्त हो गया है।

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