इद्दत के बाद भी देना होगा गुजारा भत्ता
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला दूसरी शादी करने तक अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। अदालत ने कहा कि यह भत्ता इद्दत (तलाक के बाद घर में बैठने की चार...
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला दूसरी शादी करने तक अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। अदालत ने कहा कि यह भत्ता इद्दत (तलाक के बाद घर में बैठने की चार माह की अवधि) अवधि तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि उसके बाद भी दिया जाता रहेगा।
यह भत्ता वह सीआरपीसी की धारा -125 के तहत सामान्य फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल कर ले सकती है। कोर्ट ने कहा कि इस धारा के तहत कार्रवाई दीवानी प्रकृति की है।
जस्टिस बी.एस. रेड्डी और दीपक वर्मा की खंडपीठ ने यह फैसला शुक्रवार को शबाना बानो की याचिका पर दिया। कोर्ट ने उसके पति इमरान खान का यह तर्क खारिज कर दिया कि मुस्लिम महिला तलाक और इद्दत के बाद गुजारा भत्ते की हकदार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम कानून भी पारिवारिक मामले निपटाने के लिए सामान्य फैमिली कोर्ट में जाने से नहीं रोकता।
शादी के बाद शबाना को ससुराल वाले दहेज के लिए तंग करते थे। इस दौरान वह गर्भवती भी हो गई। एक दिन उसका पति उसे मां बाप के घर छोड़ आया जहां उसने एक बच्चों को जन्म दिया। खर्च से तंग होने के कारण अंतत: उसने ग्वालियर फैमिली कोर्ट में धारा-125 के तहत याचिका दायर की।
फैमिली कोर्ट ने तलाक के बाद इद्दत की अवधि तक शबाना को 2000 रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता तथा मुकदमे का खर्च देने का आदेश दिया था।