फोटो गैलरी

Hindi Newsधरने प्रदर्शन के लिए नियत जगह हो

धरने प्रदर्शन के लिए नियत जगह हो

लगता है कि दिल्ली धरने-प्रदर्शन का शहर बन गया है। संसद मार्ग व जंतर-मंतर पर तो आए दिन प्रदर्शन के कारण जाम ही लगा रहता है। जाम से निजात के लिए सरकार को चाहिए कि वह एक नियत स्थान पर धरना स्थल बनाए,...

धरने प्रदर्शन के लिए नियत जगह हो
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 04 Dec 2009 10:30 PM
ऐप पर पढ़ें

लगता है कि दिल्ली धरने-प्रदर्शन का शहर बन गया है। संसद मार्ग व जंतर-मंतर पर तो आए दिन प्रदर्शन के कारण जाम ही लगा रहता है। जाम से निजात के लिए सरकार को चाहिए कि वह एक नियत स्थान पर धरना स्थल बनाए, जहां पर सभी प्रकार की जन-सुविधाएं उपलब्ध हों। धरने-प्रदर्शन के माध्यम से आवाज उठाना जनता का संवैधानिक अधिकार है। अत: किसान, मजदूर, वकील, छात्र व हड़ताली कर्मचारी के साथ अनेक सामाजिक संगठन प्रदर्शन के माध्यम से अपनी बात रखते हैं। जहां-तहां प्रदर्शन के कारण सड़कें जाम तो हाती ही हैं, आस-पास की दीवारें भी गंदी होती है, क्यों कि वहा जन-सुविधाओं का अभाव होता है।
बीना रानी टांक, हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली-7

उद्देश्य से भटक गया है मीडिया
मीडिया को समाज का चौथा स्तंभ कहा जाता है। यह समाज का आईना है। मीडिया का उद्देश्य समाज की अच्छाइयों और बुराइयों को जनता के सामने लाकर उन्हें जागरूक बनाना है। मीडिया का उत्तरदायित्व है कि वह समाज का मार्गदर्शक बनकर उसे भटकने से रोके। लेकिन आज स्वयं मीडिया ही अपने उद्देश्यों से भटकता जा रहा है। समाचार चैनलों की बढ़ती भीड़ में और एक-दूसरे से टीआरपी की दौड़ में आगे निकलने की होड़ में मीडिया मूल उद्देश्य से भटक रहा है। यहां तक कि कुछ पुराने प्रतिष्ठावान चैनल भी इसी होड़ में शामिल हो गए हैं। इन चैनलों द्वारा अंधविश्वास और अमानवीयता से भरी खबरें दिखाई जाती हैं। किसी भी खबर को घंटों तक घसीटा जाता है। आज ऐसे चैनलों ने समाचार मूल्य को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। मीडिया के इस भटकाव को रोकने के लिए मीडिया के लोगों को ही उचित कदम उठाने चाहिए।
श्रुति गर्ग, मास कॉम

न्यायपालिका पर विश्वास
आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा का निगरानी ब्यूरो के शिकंजे में आने से जहां एक ओर जनता का न्यायपालिका के प्रति विश्वास बढ़ा है।               
अनूप राणा, रुद्रप्रयाग

कामचलाऊ
पवित्र पूजन से
प्रदूषण पल रहा है।
चला लो जब तक
काम चल रहा है।
- वीरेन कल्याणी, शाहदरा, दिल्ली

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
अगला लेख पढ़ें