किसी भी खरीद केन्द्र पर धान बेच सकेंगे किसान
धान की सरकारी खरीद की सुस्त चाल से परेशान राज्य सरकार ने एक अहम फैसले के तहत किसानों के लिए केन्द्र विशेष पर ही धान बेचने की बाध्यता खत्म कर दी है। किसान जिस एजेन्सी के खरीद केन्द्रों पर धान ले जाना...
धान की सरकारी खरीद की सुस्त चाल से परेशान राज्य सरकार ने एक अहम फैसले के तहत किसानों के लिए केन्द्र विशेष पर ही धान बेचने की बाध्यता खत्म कर दी है। किसान जिस एजेन्सी के खरीद केन्द्रों पर धान ले जाना चाहे उसे छूट होगी। खाद्य आयुक्त राजीव अग्रवाल द्वारा दिए गए निर्देश में टोकन के साथ आने वालों को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है।
किसानों को सरकारी खरीद केन्द्रों की ओर आकर्षित करने के लिए न्याय पंचायतों से उनका सम्बद्धीकरण खत्म करने का अधिकार जिलाधिकारी को दे दिया गया है। जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने स्तर से खरीद केन्द्रों को असम्बद्ध करने का फैसला कर लें जिससे किसानों को धान बेचने में सहूलियत हो। इससे पहले राज्य सरकार टोकन वितरण में की गई खामियों को दूर करने के लिए भी कई सहूलियतें दे चुकी है।
धान खरीद के मौजूदा आँकड़े इस बार लक्ष्य से बेहताशा पीछे चल रहे है। सरकारी खरीद शुरू हुए दो महीना हो गया है और अभी तक मात्र एक लाख 83 हजार 511 मीट्रिक टन ही धान खरीदा गया है। जबकि पिछले साल अब तक सात लाख 38 हजार 367 एमटी खरीद हो चुकी थी।
खरीद के आँकड़े सरकार की परेशानी का सबब बने हुए हैं। विभागीय अमले की कोशिश अपनी नाकामी का ठीकरा सरकार द्वारा शुरू की गई टोकन व्यवस्था पर फोड़ने की है। हालाँकि इससे किसी को इनकार नहीं है कि अगर टोकन व्यवस्था सही तरह से लागू कर दी जाए तो सरकारी खरीद में सार्वजनिक वितरण प्रणली के अनाज की रिसाइकिलिंग करने जैसे तमाम अनुचित तरीकों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
किसान को भी खरीद केन्द्रों पर लंबी-लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। लेकिन टोकन बनाने से बाँटने तक इतनी अनियमितताएँ हुई कि टोकन के चलते तमाम जगह खरीद में परेशानी होने लगी और खाद्य विभाग को नए सिरे से आदेश देने पड़े।