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एनटीपीसी के लिए व्यवस्था निजी समझौते के मुताबिक नहीं: केन्द्र

सरकार ने अंबानी बंधुओं के बीच जारी गैस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी के लिए की गई गैस संबंधी व्यवस्था की तुलना निजी कंपनियों आरआईएल और...

एनटीपीसी के लिए व्यवस्था निजी समझौते के मुताबिक नहीं: केन्द्र
एजेंसीWed, 02 Dec 2009 04:40 PM
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सरकार ने अंबानी बंधुओं के बीच जारी गैस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी के लिए की गई गैस संबंधी व्यवस्था की तुलना निजी कंपनियों आरआईएल और आरएनआरएल के बीच के किसी समझौते से नहीं की जा सकती।

विवाद में सरकार को पक्ष बनाने की आरएनआरएल की सहमति के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस मामले में हलफनामा दायर करने को कहा था।
   
आरएनआरएल ने दलील दी है कि वह मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लि़. (आरआईएल) से उसी 2.34 डॉलर प्रति यूनिट (एमएमबीटीयू) की दर पर गैस प्राप्त करने के लिए हकदार है, जिस दर पर आरआईएल ने एनटीपीसी को गैस की आपूर्ति करने का समझौता किया था।
   
सरकार ने हलफनामे में कहा कि एनटीपीसी और आरआईएल के अधिकार एवं दायित्व की तुलना आरआईएल और आरएनआरएल के समझौते जैसी निजी स्तर पर की गई किसी व्यवस्था से नहीं जा सकती। एनटीपीसी न केवल सरकारी कंपनी है, बल्कि उसके मामले में गैस की कीमत एक अंतरराष्ट्रीय निविदा प्रक्रिया के जरिए तय हुई है।
   
सरकार ने हालांकि यह भी कहा कि आरआईएल ने एनटीपीसी को जिस कीमत पर गैस आपूर्ति की पेशकश की है उसके लिए गैस उत्पादन में हिस्सेदारी (पीएसए) के बारे में सरकार और कंपनी के बीच हुए करार के तहत सरकारी मंजूरी जरूरी है।

हलफनामे के मुताबिक केन्द्र सरकार जब भी जरूरत पड़ेगी, एनटीपीसी के मामले में उचित निर्णय करेगी। यह निर्णय लोकहित पर आधारित होगा और अगर यह निर्णय एनटीपीसी के पक्ष हुआ तो इसे भेदभावपूर्ण या मनमाना नहीं कहा जा सकता।

सरकार ने कहा कि एनटीपीसी के संबंध में निर्णय तब किया जाएगा जब बंबई उच्च न्यायालय में आरआईएल के साथ लंबित मुकदमें में एनटीपीसी के अधिकार सिद्ध हो जाते हैं या फिर लोक हित में सरकारी हस्तक्षेप जरूरी हो जाता है।

मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) द्वारा 12 सितंबर 2007, 28 मई और 23 अक्टूबर 2008 को हुई बैठक में किए गए निर्णय से भी यह दिखता है कि सरकार ने एनटीपीसी के अधिकार को किनारे नहीं किया है।
  
हलफनामे में कहा गया है कि सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि चूंकि एनटीपीसी और आरआईएल के बीच गैस का मामला अभी विचारधीन है इस लिए केंद्र के निर्णय से एनटीपीसी का अधिकार प्रभावित नहीं होगा।

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