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उल्फा प्रमुख राजखोवा बांग्लादेश में गिरफ्तार, दिल्ली भेजा

प्रतिबंधित संगठन उल्फा के अध्यक्ष अरविन्द राजखोवा ने बुधवार को बांग्लादेश में सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया जिसके बाद उसे नई दिल्ली भेजा गया है। पूर्वोत्तर के एक अन्य प्रतिबंधित संगठन नेशनल...

उल्फा प्रमुख राजखोवा बांग्लादेश में गिरफ्तार, दिल्ली भेजा
एजेंसीThu, 03 Dec 2009 01:24 AM
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प्रतिबंधित संगठन उल्फा के अध्यक्ष अरविन्द राजखोवा ने बुधवार को बांग्लादेश में सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया जिसके बाद उसे नई दिल्ली भेजा गया है। पूर्वोत्तर के एक अन्य प्रतिबंधित संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ त्रिपुरा के अध्यक्ष एवं अलगाववादी नेता विश्व मोहन देव बर्मा को भी बांग्लादेश के अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया।
   
खुफिया सूत्रों ने अगरतला में बताया कि 53 वर्षीय राजखोवा को सोमवार को ढाका में रखा गया था। उसे बांग्लादेशी सीमा से सटे पश्चिमी त्रिपुरा जिले में एक अज्ञात स्थान पर बांग्लादेशी प्रशासन ने वापस भेज दिया जहां उसने भारतीय सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। बुधवार को देर शाम उसे त्रिपुरा की राजधानी से एक उड़ान द्वारा नई दिल्ली भेज दिया गया है।

राजखोवा के साथ कुछ और लोगों को ले जाया गया है जो उल्फा के निचले दर्जे के नेता हो सकते हैं। हालांकि उनकी पहचान जाहिर नहीं की गयी है। एनएलएफटी प्रमुख विश्व मोहन देव बर्मा के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि वह दिल्ली जाने वाली उड़ान में राजखोवा के साथ मौजूद नहीं था।

नई दिल्ली में शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि राजखोवा को बांग्लादेशी सुरक्षाबलों ने हिरासत में लेने के बाद ढाका में एक सुरक्षित स्थान पर रखा था जबकि देव बर्मा को चटगांव में हिरासत में लिया गया था।
   
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन ने कहा था कि अगर राजखोवा को गिरफ्तार किया गया है, तो वह संभवत: पहले आत्मसमर्पण करेगा। सूमों ने कहा कि राजखोवा की पत्नी कावेरी कचारी और उसके दो पुत्रों को ढाका में नजरबंद रखा गया है।

भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपी राजखोवा की बांग्लादेश में गिरफ्तारी और उसे भारत को सौंपा जाना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख की इस माह प्रस्तावित भारत की सरकारी यात्रा से पहले दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने का एक प्रमुख कदम है।
   
पिछले 17 सालों से भारत से बाहर रह रहा राजखोवा कथित तौर पर भारत के साथ वार्ता के पक्ष में है, जबकि उल्फा की सशस्त्र इकाई का प्रमुख परेश बरूआ, जो संभवत: मलेशिया में है, भारत सरकार के साथ संप्रभुता के सिवाय किसी अन्य मुद्दे पर वार्ता का विरोधी है।

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