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मैं ग्लैमर डॉल नहीं हूं: विद्या बालन

आपको नहीं लगता कि इधर आपके करियर में एक ठहराव आ गया है? यह ठहराव तो आना ही था। मैं बहुत कम फिल्में कर रही हूं, वह भी खास पसंद की। मैं बहुत साफ तौर से यह बता देना चाहती हूं कि मैं ग्लैमर डॉल नहीं...

मैं ग्लैमर डॉल नहीं हूं: विद्या बालन
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 01 Dec 2009 12:43 PM
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आपको नहीं लगता कि इधर आपके करियर में एक ठहराव आ गया है?
यह ठहराव तो आना ही था। मैं बहुत कम फिल्में कर रही हूं, वह भी खास पसंद की। मैं बहुत साफ तौर से यह बता देना चाहती हूं कि मैं ग्लैमर डॉल नहीं हूं। मैं अपने अंदाज में आगे बढूंगी। इस वजह से मेरे करियर में ठहराव आ सकता है, पर यह स्थायी नहीं हो सकता। खराब और अच्छी फिल्मों से आपका मतलब फ्लॉप और हिट फिल्मों से है?
यहां तो इसका यही अर्थ निकाला जाता है। फिल्म हिट है तो उसकी सारी बातें अच्छी समझी जाती हैं, वरना ‘हल्ला बोल’, ‘एकलव्य’ जैसी फिल्में इतनी बुरी नहीं थीं। फिल्मों की बात जाने दें, यहां तो कलाकार भी वही उम्दा माना जाता है, जो हिट फिल्में देता है।

हिट फिल्मों का अच्छा साथ आपको मिला है, फिर आप इस मौके को कैसे मिस कर गयीं?
मैंने कोई चांस मिस नहीं किया। ‘लगे रहो मुन्नाभाई’, ‘हे बेबी’ आदि हिट के बाद मेरे पास दजर्नों फिल्मों के ऑफर आए, पर इनमें से ज्यादातर फिल्में मुझे छलावा लगीं। हर फिल्म में वही भरती के रूटीन टाइप रोल करके आखिर मैं क्या हासिल कर सकती थी?

आज आप जिन निर्देशकों के साथ काम कर रही हैं, क्या उनमें वह बात है?
‘इश्किया’ के निर्देशक अभिषेक चौबे नये हो सकते हैं, पर इसे विशाल भारद्वाज बना रहे हैं। इसी तरह ‘चिनाब गांधी’ को संजय लीला भंसाली के सहायक डायरेक्ट कर रहे हैं, पर पूरा सेट-अप भंसाली जी का है। ‘चीनी कम’ के बाद बाल्की की फिल्म ‘पा’ को भी बहुत गभीरता के साथ लिया जा रहा है।

‘पा’ में आपके आने का एक बड़ा कारण अमिताभ बने हैं, जो पहले भी आपकी तारीफ कर चुके हैं?
मुझे तो ऐसा नहीं लगता कि किसी फिल्म में एक कलाकार की एंट्री इस तरह से होती है। असल में ‘पा’ का यह रोल मुझ पर फिट बैठ रहा था, इसलिए अमित जी ने मेरा नाम बाल्की को सुझाया होगा।

‘पा’ में जूनियर बच्चन भी आपके साथ काम कर रहे हैं?
‘गुरु’ के बाद ही मेरी और अभिषेक की कैमिस्ट्री बहुत अच्छी जमी है। मेरा ख्याल है कि इस वजह से ‘गुरु’ में ही हम दोनों का करेक्टर बहुत अच्छा शेप ले गया था। अब ‘पा’ से भी मैं कुछ ऐसी उम्मीद करती हूं।

शाहिद के साथ भी फिर आपकी जोड़ी नहीं बनायी गयी?
इस बारे में मैं क्या कह सकती हूं। शाहिद के साथ तो मेरी फिल्म ‘किस्मत कनेक्शन’ काफी हिट थी। यह तो पूरी तरह से प्रोडय़ूसर-डायरेक्टर पर निर्भर करता है।

क्या वजह है सैफ, अक्षय, शाहिद आदि सारे बड़े नायक आपसे दूर होते जा रहे हैं?
मैं हीरो देख कर कोई फिल्म साइन नहीं करती। आप इसे अच्छे ऑफर का ना मिलना भी कह सकते हैं।

आप इधर ज्यादा स्लिम दिखायी पड़ रही हैं?
पिछले दिनों मुझ पर वजन घटाने का भूत इस कदर सवार हुआ कि मैंने पूरे दस किलो वजन घटा लिया।

‘इश्किया’ में आपके काम की तारीफ फिर से शुरू हो चुकी है?
यह एक बहुत अच्छी फिल्म के रूप में सामने आने वाली है। नसीर साहब के बारे मैं मैं कुछ नहीं कहूंगी। अरशद ने भी इसमें लाजवाब काम किया है।

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