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जलवायु परिवर्तन से ब्लॉग जगत भी चिंतित

जलवायु परिवर्तन विषय पर जहां सात दिसंबर से कोपेनहेगन में एक सम्मेलन होने वाला है, वहीं इस वैश्विक समस्या को लेकर ब्लॉग जगत भी चिंतित है। विभिन्न ब्लॉगों पर इस समस्या को लेकर लोग अपने विचार रख रहे...

जलवायु परिवर्तन से ब्लॉग जगत भी चिंतित
एजेंसीTue, 01 Dec 2009 11:21 AM
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जलवायु परिवर्तन विषय पर जहां सात दिसंबर से कोपेनहेगन में एक सम्मेलन होने वाला है, वहीं इस वैश्विक समस्या को लेकर ब्लॉग जगत भी चिंतित है। विभिन्न ब्लॉगों पर इस समस्या को लेकर लोग अपने विचार रख रहे हैं।

'मानसिक हलचल' नामक ब्लॉग पर जलवायु परिवर्तन विषय पर एक लेख है, जिसमें एक पुस्तक के बारे में जानकारी दी गई है। ब्लॉग ने टिप्पणी की है, ''लेखक टिम फ्लेनेरी की पुस्तक द वेदर मेकर्स अच्छी किताब है। इससे पर्यावरण में हो रहे बदलावों को समझा जा सकता है।''

ब्लॉग में देश पर जलवायु परिवर्तन के असर पर टिप्पणी है, ''इस वैश्विक समस्या का भारत में अपेक्षाकृत कम प्रभाव पड़ा है। उस हिसाब से भारत सरकार अगर भविष्य के विकास बनाम कार्बन उत्सर्जन की जिम्मेदारी की बहस में कार्बन उत्सर्जन की जिम्मेदारी की बजाय विकास को ज्यादा अहमियत देती है तो कोई खास बुरा नहीं करती।''

पर्यावरण मुद्दे पर केंद्रित 'वाटर पोर्टल' ने कोपेनहेगन को केंद्र में रखकर टिप्पणी की है, ''इन दिनों जलवायु परिवर्तन शब्द अचानक लोकप्रिय हो गया है। उमंग से भरे दुनिया भर के शीर्ष राजनेता कोपेनहेगन की उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। पिछले कुछ समय से दुनिया भर के नेता जलवायु परिवर्तन को वैश्विक विकास के शीर्ष एजेंडे के तौर पर प्रस्तुत करने में सक्रिय हैं और इसमें वे सफल भी रहे हैं।''

'वाटर पोर्टल' का कहना है, ''संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए करीब 200 अरब डॉलर की आवश्यकता है। इस रकम पर व्यावसायिक घरानों की लार टपक रही है।''

'आधार' ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चीन के नए कदम का स्वागत करते हुए टिप्पणी की है, ''कार्बन उत्सर्जन में कटौती संबंधी चीन के संकल्प का हम स्वागत करते हैं। चीन ने वर्ष 2020 तक कार्बन उत्सर्जन में 40 से 45 फीसदी कटौती का लक्ष्य रखा है। चीन ने इस वर्ष स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य रखा है। उसने वर्ष 2020 के लिए पवन और सौर ऊर्जा को अपना लक्ष्य बनाया है। ऐसे कदम दुनिया के अन्य देशों को भी उठाने चाहिए ताकि जलवायु परिवर्तन से मुकाबला किया जा सके।''

उल्लेखनीय है कि डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में सात दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच जलवायु परिवर्तन सम्मेलन आयोजित हो रहा है। हाल ही में पोर्ट ऑफ स्पेन में आयोजित राष्ट्रमंडल देशों के सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर विशेष रूप से चर्चा हुई थी।

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