जलवायु विज्ञान पर संयुक्त राष्ट्र समूह के अध्यक्ष राजेंद्र पचौरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अगले हफ्ते की मुलाकात में हरित तकनीक पर चर्चा होगी लेकिन जलवायु परिवर्तन के मसले पर दोनों देशों के बीच आई दूरी कम करने की दिशा में किसी कदम की संभावना नहीं है।
पचौरी ने बताया कि पिछले छह माह के दौरान जलवायु परिवर्तन के मसले पर दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन के मामले में अमेरिका की प्रतिबद्धता नहीं होने के कारण यह दूरी बढ़ी है। पचौरी ने कहा कि कोपेनहेगन में दोनों देश इस दिशा में कोई सकारात्मक प्रगति कर पाएंगे इस पर उन्हें शक है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को अमेरिका पहुंच रहे हैं।
हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम करने के लिए क्योटो वार्ता से आगे बातचीत के मकसद से लगभग 190 कोपेनहेगन में एकत्र हो रहे हैं। अमेरिका इकलौता विकिसत देश है जिसने अब तक अपने लिए उत्सर्जन सीमा तय नहीं की है।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित पचौरी ने कहा कि भारत को लग रहा है कि अमेरिका इस मामले में खुद आगे बढ़कर कुछ करने की बजाय भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की चर्चा मुख्य रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, आधुनिक जैव ईंधन के बारे में केद्रिंत रहने की संभावना है।