पाक को भारत से डरने की जरूरत नहीं: मनमोहन सिंह
आतंकवाद को राजकीय नीति के रूप में इस्तेमाल करने के पाकिस्तान के कदम को दुखद बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत इस शर्त के साथ उसके साथ लंबित सभी मुद्दों के निपटारे के लिए तैयार है...
आतंकवाद को राजकीय नीति के रूप में इस्तेमाल करने के पाकिस्तान के कदम को दुखद बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत इस शर्त के साथ उसके साथ लंबित सभी मुद्दों के निपटारे के लिए तैयार है कि वह अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवादियों गतिविधियों के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल नहीं करने देगा।
अमेरिका यात्रा से पहले वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में सिंह ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतकंवाद से भारत पीड़ित रहा है और खुफिया रिपोर्ट अब भी संकेत देती हैं कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन बीते साल मुंबई हमलों के जैसे हमले दोबारा करने की योजना बना रहे हैं।
सिंह अगले मंगलवार वाशिंगटन पहुंचेंगे और उसी दिन के वाशिंगटन पोस्ट के रविवार के संस्करण में उनका यह इंटरव्यू प्रकाशित होगा। इसमें सिंह ने कहा है कि हर दिन मुझे खुफिया रिपोर्ट मिलती हैं कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन मुंबई हमलों से मिलते-जुलते हमले करने की योजना बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को भारत से डरने की जरूरत नहीं हैं और यह दुखद है कि ऐसी नौबत आ गई है कि राजकीय नीति के साधन के रूप में पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ लंबित सभी मामलों को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी एकमात्र शर्त यह है कि भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान को अपनी सरजमीं का इस्तेमाल करने की आतंकवादियों को इजाजत नहीं देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अगर वाकई इस प्रतिबद्धता का सम्मान करता है तो हम बातचीत की मेज पर लौट सकते हैं और अपने बीच लंबित सभी मुद्दों को सुलझा सकते हैं।
सिंह ने इस तथ्य का उल्लेख किया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से भारत लगभग 25 वर्षों से पीड़ित रहा है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि अमेरिका अपने तमाम प्रभावों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान से इस रास्ते को छोड़ने के लिए कहे।