अनियमित आय
स्वयं का व्यवसाय करने वाले, बतौर फ्रीलांस काम करने वालों की आय हमेशा अनियमित होती है। उनकी आय समय, परिस्थिति, कार्य के अनुसार बदलती रहती है जिसकी वजह से उन्हें निवेश से जुड़ी कई समस्याओं से रूबरू...
स्वयं का व्यवसाय करने वाले, बतौर फ्रीलांस काम करने वालों की आय हमेशा अनियमित होती है। उनकी आय समय, परिस्थिति, कार्य के अनुसार बदलती रहती है जिसकी वजह से उन्हें निवेश से जुड़ी कई समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि कुछ बातों को ध्यान में रखकर निवेश की बेहतर रणनीति बनाई जा सके।
मासिक आय : अपनी औसत मासिक आय का आकलन कर लें। साथ ही इस बात का अंदाजा लगा लें कि आप भविष्य में कितना पैसा कमा सकते हैं। साथ ही इस बात का भी खाका तैयार कर लें कि आपके मासिक जरूरी खर्चे क्या हैं, किन चीजों पर आप अनावश्यक खर्च करते हैं। साथ ही यह भी गौर करें कि आप किन खर्चो में बचत कर सकते हैं।
आकस्मिक निधि : व्यवसाय में पूरे वर्ष में एक समय ऐसा होता है, जब किसी व्यवसायी की आय औसत आय से अधिक होती है और यह उसके पैसा कमाने का समय होता है। वहीं नौकरी पेशा लोगों को भी वर्ष में एक बार बोनस से अतिरिक्त आय होती है। इस दौरान आपको काफी एहतियात बरतने की जरूरत है। औसत से अधिक मासिक आय होने की स्थिति में पैसे की फिजूलखर्ची न करें। यह आपके लिए उस दौरान मददगार साबित होगा, जब आपकी आय औसत मासिक आय से कम होगी।
जोखिम से बचाव : जिनकी आय अनियमित होती है, अगर उन्होंने समझदारी से काम नहीं लिया तो उनके परिवार के लिए रिस्क की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है स्वयं के अलावा, परिवार के दूसरे सदस्यों का इंश्योरेंस करवा लें ताकि ऐन वक्त पर आपका परिवार किसी मुश्किल में न आने पाएं।