रानी की छतरी का दीदार करने को खरीदना होगा टिकट
सूरजकुंड क्राफ्ट मेले के बाद अब बल्लभगढ़ की ऐतिहासिक रानी की छतरी पर विदेशी सैलानियों का जमघट लगेगा। टिकट खरीदकर पर्यटक इसका दीदार कर सकेंगे। राष्ट्रमंडल खेलों से पहले जिला प्रशासन इसकी तस्वीर बदलने...
सूरजकुंड क्राफ्ट मेले के बाद अब बल्लभगढ़ की ऐतिहासिक रानी की छतरी पर विदेशी सैलानियों का जमघट लगेगा। टिकट खरीदकर पर्यटक इसका दीदार कर सकेंगे। राष्ट्रमंडल खेलों से पहले जिला प्रशासन इसकी तस्वीर बदलने जा रहा है। आगे इसके मरम्मत पर आने वाले खर्च को वहन करने के लिए टिकट लगाकर धन एकत्रित किया जाएगा। बल्लभगढ़ ब्यूटीफिकेशन एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (बीबीडीए) के अफसरों के साथ बैठक कर जिला उपायुक्त प्रवीण कुमार ने यह फैसला किया। इसके लिए बने प्रोजेक्ट के पहले फेज को मंजूरी दे दी है। स्वयं सेवी संस्था इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड हैरिटेज (इनटेक) ने इस प्रोजेक्ट की रूप रेखा तैयार की थी।
बुधवार को बीबीडीए चेयरमैन एवं जिला उपायुक्त प्रवीन कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट के पहले फेज को मंजूरी मिली। बीबीडीए के साथ मिलकर इनटेक प्रोजेक्ट को अंजाम देगी। पूरा प्रोजेक्ट तीन फे जों में बंटा हुआ। इसपर एक करोड़ रुपए से अधिक खर्च होगा। दो फेजों के कार्यों के लिए बीबीडीए की मंजूरी मिलनी अभी आकी है। डिवेलपमेंट एंड रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन फॉर नेचर एंड हैरिटेज (द्रोनाह) की डॉ. शिखा जैन इसके डिजाइन तैयार करेंगी।
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हैरिटेज कॉरिडोर बने
इनटेक ने बीबीडीए को राजा नाहर सिंह महल और रानी की छतरी के बीच हैरिटेज कोरिडोर बनाने का प्रस्ताव इस प्रोजेक्ट में जोड़ा है। इसको तीसरे फेज के कार्य के तहत रखा गया है।
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रानी की छतरी के जीर्णोद्धार की योजना का खाका
पहले फेज में होने वाले काम व खर्च
- छतरी के आसपास सें अवैध कब्जे हटाए जाएंगे
- एम्स की बच्चों की ओपीडी को शिफ्ट करनी होगी
- क्षेत्र की सफाई (खर्च -दो लाख रुपये)
- टैंक पर होने वाला काम (चार लाख रुपये)
- छतरी को नया रूप देने पर (11 लाख रुपये )
दूसरे फेज में होने वाला काम व खर्च
- वॉटर बॉडी का निर्माण
- पार्किग एवं रोड ले आउट (खर्च- 20 लाख रुपये)
- क्लीनिक साइट सहित लाइट, बैंच, रेनवाटर हारवेस्टिंग-
(खर्च 37.5 लाख रुपये)
- स्टॉल, क्राफट बाजार जिसमें 8 बड़ी व एक छोटी -(खर्च 15 लाख रुपये)
- एम्पीथियेटर साउंड एंड लाइट शो
- छतरी की लाइट एंड म्यूजियम
तीसरा फेज क कार्य
- गार्डन तैयार करना
- हैरिटेज शॉप बनाना
- लैंड स्केपिंग करना
- फाउंटेन लगाने का कार्य
- कॉरिडोर बनाना
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यहां से होगी फंड की व्यवस्था
इसको टूरिस्ट प्लेस बनाने के लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी। इसके लिए फंड की व्यवस्था इनटेक और बल्लभगढ़ डिवेलपमेंट अथॉरिटी मिलकर करेंगे। इनटेक के संयोजक आनंद मेहता ने बताया कि छतरी के सौंदर्यकरण के लिए फंड मुख्यमंत्री कोष, बीबीडीए, जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिनुअल मिशन (जेएनयूआरएम) और उद्योगपतियों से जुटाया जाएगा।
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रानी की छतरी का इतिहास
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सूली पर चढ़ने वाले राजा नाहर सिंह की पत्नी के लिए ‘रानी की छतरी’ का निर्माण किया गया था। इतिहासकार इसे 150 साल पुराना मानते हैं। पहले इसमें रानी के नहाने के लिए कुंड था। अब यह खंडहर में तब्दील हो चुका है। इसी छतरी के एक हिस्से में 31 सालों से एम्स की बल्लभगढ़ शाखा के बच्चों की ओपीडी चल रही है।