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प्रकृति ने बरसाए बर्फ के फूल

हल्की बर्फबारी के बीच भगवान बदरीनाथ शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम से विदा हुए। दिन भर रुक-रुककर बर्फबारी हुई। बर्फ की फुहारों ने इन पलों को श्रद्धालुओं के लिए यादगार बना दिया। विगत एक दशक में यह मौका...

प्रकृति ने बरसाए बर्फ के फूल
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 17 Nov 2009 08:59 PM
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हल्की बर्फबारी के बीच भगवान बदरीनाथ शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम से विदा हुए। दिन भर रुक-रुककर बर्फबारी हुई। बर्फ की फुहारों ने इन पलों को श्रद्धालुओं के लिए यादगार बना दिया। विगत एक दशक में यह मौका पहली बार आया जब कपाट बंद होने के दौरान बर्फबारी हुई हो। इस दौरान देश-विदेश के लगभग 12 हजार तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम में मौजूद रहे।

मंगलवार को भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट छह महीने के लिए बंद कर दिए गए हैं। अगले छह महीने तक भगवान को जोशीमठ में पूजा जाएगा और उनकी पूजा अर्चना देवता करेंगे। बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार से लेकर पूरा बदरीनाथ मंदिर गेंदे के पुष्पों के बीच उपवन की तरह सजाया गया था। निर्धारित समय के अनुसार शाम को करीब 3:41 बजे भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद हुए। कपाट बंद होने की तिथि पर सुबह से ही बदरीनाथ के कपाट खुले रहे। मंदिर में रात दो बजे से ही श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो गई थी। कड़ाके की ठंड के बावजूद भी यात्री अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे।

प्रात: 8 बजे से प्रकृति ने अचानक अपना रंग बदलना शुरू कर दिया। हल्की-हल्की बर्फबारी से बदरीनाथपुरी सफेद बर्फ की चादर से ढक गई। इसी बीच बदरीनाथ मंदिर का सौंदर्य सबको मोहित कर गया। कपाट बंदी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट, चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सूरतराम नौटियाल, अपर पुलिस महानिदेशक सत्यव्रत, पुलिस अधीक्षक विम्मी सचदेवा रमन, संयुक्त मजिस्ट्रेट डॉ.बी. षणमुगम, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उप मुख्य कार्याधिकारी जे.पी. नंबूरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद कपरवाण समेत हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए।

सेना की मधुर बैंड की धुन और वेद ऋचाओं के बीच भगवान के कपाट बंद हुए। मुख्य रावल केशव नंबूदरी पाद ने गर्भगृह में भगवान की पूजा की। धर्माधिकारी तथा वेदपाठियों ने वेद ध्वनि और वेदार्चन किया। लक्ष्मी मंदिर से भगवती लक्ष्मी की सखी बनकर रावल जब भगवती लक्ष्मी को भगवान बदरी विशाल के वामांग पर विराजने के लिए ला रहे थे तो यह महान पंरपरा सबको भा गई। कलकत्ता से आए निमुष चटर्जी कहते हैं कि यह परंपरा अद्भुत थी। भगवान के सखा और सखी रूप का दर्शन बस भगवान विष्णु के होने पर ही दिख सकते हैं।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट ने बताया कि इस बार बदरीनाथ केदारनाथ में विगत वर्षों की अपेक्षा 12 हजार अधिक यात्री आए तथा राजस्व में विगत वर्ष की अपेक्षा 1 करोड़ 12 हजार की वृद्धि हुई।

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