फोटो गैलरी

Hindi Newsनए संकल्प के साथ स्वर्णजयंती वर्ष का आगाज

नए संकल्प के साथ स्वर्णजयंती वर्ष का आगाज

देश में हरित क्रांति का आगाज करने का खिताब पा चुका पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय मंगलवार को नए संकल्पों के साथ स्वर्णजयंती वर्ष यानी पचासवें वर्ष में प्रवेश कर गया। विवि के गांधी हाल में आयोजित समारोह...

नए संकल्प के साथ स्वर्णजयंती वर्ष का आगाज
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 17 Nov 2009 08:41 PM
ऐप पर पढ़ें

देश में हरित क्रांति का आगाज करने का खिताब पा चुका पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय मंगलवार को नए संकल्पों के साथ स्वर्णजयंती वर्ष यानी पचासवें वर्ष में प्रवेश कर गया। विवि के गांधी हाल में आयोजित समारोह में पूर्व कुलपति कृपा नारायण, आनंद स्वरूप व डॉ.एस.बी. सिंह ने विवि की उपलब्धियों की सराहना करते हुए एक और हरितक्रांति के लक्ष्य को हासिल करने पर जोर दिया। इसके लिए माइक्रोप्लानिंग कार्यक्रमों के तहत कार्य करने का सुझाव दिया।

पूर्व कुलपति कृपा नारायण (आईएएस) ने कृषि के क्षेत्र में आ रही नई चुनौतियों का सामना करने के लिए ऊर्जा व जल संरक्षण और कृषि जैव प्रौद्योगिकी पर प्राथमिकता के साथ काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने अपशिष्ट पदार्थों की रिसाइक्लिंग कर प्रदूषण रोकने, ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक युक्त कृषि करने, विपरीत परिस्थितियों में उगने वाली प्रजातियों पर अनुसंधान करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने विवि में छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या बढ़कर 53 प्रतिशत तक हो जाने पर खुशी का इजहार किया।

पूर्व कुलपति आनंद स्वरूप (आईएएस) ने कहा कि पंतनगर विवि को उत्तराखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध होना होगा और इस वास्ते राज्य की कृषि नीति भी इसी विवि द्वारा तैयार की जानी चाहिए। माइक्रोप्लानिंग के साथ ऐसे कार्यक्रम पर्वतीय क्षेत्रों में चलाए जाने चाहिए, जिससे वहां के किसान आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होंने कहा कि देश के जिस थारू बुक्सा जनजाति की भूमि पर आज पंतनगर विवि बसा है, बदले में उसके हितों के लिए भी कार्य किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने जल प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, बिजली-पानी का अपव्यय रोके जाने, सौर ऊर्जा व अन्य ऊर्जा के विकल्प खोजे जाने, सूचना प्रौद्योगिकी का भरपूर इस्तेमाल किए जाने तथा पंतनगर विवि में होटल मेनेजमेंट व इंटीरियर डेकोरेटिंग के कोर्स शुरू किए जाने का सुझाव भी दिया।

पूर्व कुलपति डॉ.एस. बी. सिंह ने कहा कि कुलपति का समयकाल तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच साल किया जाना चाहिए, क्योंकि तीन साल की कम अवधि में कुलपति अपने लक्ष्यों को नहीं पा सकता है। बीज को हरित क्रांति का मुख्य आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक फसल के हाइब्रिड बीज तैयार किए जाने चाहिए। उन्होंने फिश सीड प्रोडक्शन, भ्रूण प्रत्यारोपण और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिए जाने का भी सुझाव दिया।  

समारोह के प्रारंभ में कुलपति डॉ.बी.एस. बिष्ट ने पंत विवि के प्रगति कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पंत विवि का देश के शोध कार्यक्रमों में 25 प्रतिशत हिस्सा है। अब तक शिक्षण, शोध एवं प्रसार कार्यक्रमों के लिए 16 विश्वविद्यालयों एवं अन्य संस्थानों के साथ विवि का करार हो चुका है। नैनीताल वैधशाला के साथ मिलकर काम करने का करार भी शीघ्र होगा। उन्होंने विवि में शीघ्र ही स्माट क्लास रूम स्थापित किए जाने की भी जानकारी दी।

समारोह में दून विवि के पूर्व कुलपति डॉ.गजेंद्र सिंह, कुलसचिव डॉ.के.के. सिंह, डीन एवं संयोजक डॉ.जी.के. सिंह, डॉ. अजय उपाध्याय सहित अन्य उच्चधिकारी मौजूद थे। संचालन डॉ. शिवेंद्र कश्यप ने किया। इससे पूर्व पूर्व कुलपति कृपा नारायण, आनंद स्वरूप व डॉ.एस.बी. सिंह को सम्मानित किया गया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें