विषम युद्धक क्षमता विकसित करनी चाहिएः एंटनी
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भारत और चीन के बीच सैन्य क्षमता के बढ़ते अंतर के बीच सोमवार को कहा कि देश को बड़ी सशस्त्र सेनाओं से चुनौती का मुकाबला करने के लिए विषम युद्धक क्षमता निर्मित करनी...
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भारत और चीन के बीच सैन्य क्षमता के बढ़ते अंतर के बीच सोमवार को कहा कि देश को बड़ी सशस्त्र सेनाओं से चुनौती का मुकाबला करने के लिए विषम युद्धक क्षमता निर्मित करनी चाहिए।
भारतीय वायु सेना की शक्तियों और कमजोरियों पर विचार करने वाली रक्षा मंत्रालय से संबद्ध नए सांसदों की परामर्शदायी समिति की पहली बैठक में एंटनी ने कहा कि हमें बड़ी सेनाओं के मुकाबले विषम क्षमताओं की संकल्पना और इनका निर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना की क्षमताओं को सुनिश्चित करने संबंधी केन्द्र सरकार के प्रयास भारत के कद, आकांक्षाओं और चुनौतियों के अनुरूप हैं और वह भारतीय वायु सेना को एक विकसित वायु शक्ति में बदलने के लिए अनेक कदम उठा रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इन कदमों में भारतीय वायु सेना की सामरिक पहुंच को भारतीय महाद्वीप को पार कर अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों, वायु रक्षा, निगरानी, आधुनिक विमान और आधुनिकतम हथियार प्रणालियों की दृष्टि से महत्वपूर्ण तरीके से बढ़ाना है।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सशस्त्र बलों की संभावित योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि नए उपकरणों को शामिल करने की अवधि काफी लंबी है और इसलिए जरूरतों के सामरिक आकलन और प्रक्षेपण में स्पष्टता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें रक्षा तैयारियों में कमियों से बचने के लिए अपनी खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है।
एंटनी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय और अनेक इकाइयों में प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रक्षा तकनीकों में देश विकसित देशों के स्तर तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण और हमारे रोजमर्रा के कामों के कार्यान्वयन के हमारे अभियान में हमें हमेशा अपने वित्तीय संसाधनों का ध्यान रखना चाहिए और अपव्यय और दोहराव से बचना चाहिए। हमें अपना ध्यान स्वदेशीकरण पर लगाना चाहिए और ऐसे तरीकों के बारे में सोचना चाहिए जिनसे हम विकसित देशों के स्तर तक पहुंच सकें। एंटनी ने सदस्यों को सूचित किया कि भारतीय वायु सेना पर्याप्त बदलाव और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में है।