पुरुष पहलवान को पछाड़ने वाली सोनिया की तमन्ना कुछ खास
मर्दों ने तो सोचा भी नहीं होगा कि ‘लेडी चांदगी राम’ उर्फ सोनिया किसी दिन ललकारेगी। और न सिर्फ ललकारेगी बल्कि पछाड़ेगी भी। लेकिन, इसे सच कर दिखाया सोनिया पहलवान ने। विश्व प्रसिद्ध हरिहर...
मर्दों ने तो सोचा भी नहीं होगा कि ‘लेडी चांदगी राम’ उर्फ सोनिया किसी दिन ललकारेगी। और न सिर्फ ललकारेगी बल्कि पछाड़ेगी भी। लेकिन, इसे सच कर दिखाया सोनिया पहलवान ने।
विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का तनहा सफर सोनिया की तमन्ना को पूरा करने में ऐतिहासिक साबित हुआ। राष्ट्रीय स्तर की दंगल प्रतियोगिता में बदायूं के भदोई पहलवान को चारों खाने चित कर देने वाली इस महिला ने सिर्फ एक पुरुष पहलवान को पछाड़ा बल्कि, उस मिथ को भी धूल में मिला दिया कि मर्द ही सदैव औरतों को धूल चटाते हैं।
गाजियाबाद से एशिया फेम हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले तक का सफर बिल्कुल अकेला। सफर के दौरान तन्हा क्षणों में कुछ खास करने की तमन्ना थी। इसी तमन्ना ने ऐतिहासिक सोनपुर मेले में उसने जो इतिहास रचा वह अदभुत था। यह इतिहास सोनिया पहलवान ही रच सकती थी, क्योंकि उसी के मन में यह विचार कौंधा कि दंगल में पुरुषों से वह क्यों नहीं मुकाबला कर सकती। उसकी सोच ने दिशा पकड़ी और उसने वह कर दिखाया जो संभवतः आज तक किसी महिला पहलवान ने सोचा भी नहीं था। हजारों दर्शकों से खचाखच भरे सोनपुर के रमना ग्राउंड में हरिहरक्षेत्र महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन राष्ट्रीय स्तर की दंगल प्रतियोगिता में पुरुष पहलवानों को सोनिया पहलवान ने ललकारा तो उसकी ललकार में कहीं खोखलापन नहीं था।
किसी ने यह भी नहीं सोचा था कि सोनिया बदांयू के भदोई पहलवान को पटकनी दे देगी, लेकिन अखाड़े में जो कुछ हुआ वह किसी हैरतअंगेज कारनामे से कम नहीं था। भदोई ने भी चित होने की कल्पना नहीं की थी, अगर उसने सपने में भी सोचा होता कि वह एक महिला पहलवान से पराजित हो जाएगा तो वह सोनिया की ललकार को अन्य पहलवानों की तरह अनसुना कर देता। पर उसकी बदकिस्मती कि उसने सोनिया की ललकार पर अखाड़े में उतरने की ठान ली। फिर जो कुछ भी हुआ वह हजारों दर्शकों के सामने था।
सोनिया को दर्शकों ने हाथों-हाथ उठा लिया। सोनिया ने बाद में ‘हिन्दुस्तान’ से विशेष बातचीत में कहा कि उसे इस दंगल प्रतियोगिता के दौरान कुछ पुरुष पहलवानों की टिप्पणी भी झेलनी पड़ी। उनका कहना था कि भदोई जान-बूझकर पराजित हुआ। लेकिन सोनिया ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उसने कहा कि कोई भी पहलवान जब अखाड़े में उतरता है, तो वह जीतने के लिए उतरता है न कि हारने के लिए। मैंने तो सबको ललकारा। कोई दूसरा भी लड़ सकता था। सोनिया ने यह भी बताया कि उसने तय कर लिया था कि इस दंगल में उसे कुछ अलग हटकर करना है, इसलिए पुरुषों को ललकारा। आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। यहां के दर्शक और आयोजक धन्यवाद के पात्र हैं कि उन्होंने ऐसी प्रतियोगिता आयोजित की। मौका मिला तो अगले वर्ष भी वह यहां मेले में आयोजित दंगल प्रतियोगिता में भाग लेंने अवश्य आएगी और फिर दंगल के लिए पुरुषों को ललकारेगी।
कुश्ती के दांवपेंच सोनिया ने अपने भाई से सीखे हैं। पिछली बार भी वह मेले में दंगल प्रतियोगिता में आई थी। कई महिला पहलवानों को भी उसने पछाड़ा था।