नक्सलियों का मानव रहित विमान करेंगे सफाया
देश के लिए मुसीबत बने नक्सलियों का सफाया करने के लिए अब मानवरहित विमानों (यूएवी) का इस्तेमाल किया जाएगा। घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों के ठिकानों का पता लगाने और उनकी आवाजाही पर यूएवी के...
देश के लिए मुसीबत बने नक्सलियों का सफाया करने के लिए अब मानवरहित विमानों (यूएवी) का इस्तेमाल किया जाएगा। घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों के ठिकानों का पता लगाने और उनकी आवाजाही पर यूएवी के जरिए नजर रखी जाएगी। यूएवी से सटीक सूचनाएं मिलने के बाद सुरक्षाबल नक्सलियों पर हमला बोल देंगे।
कैमरों, डाटा और वीडियो लिंक से सजे यूएवी सूचनाओं को जुटाने के साथ-साथ रिकार्ड भी करेंगे। इसे विशेषतौर पर छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में नक्सल रोधी अभियान चला रहे सुरक्षा बलों के साथ साझा किया जाएगा। हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित यूएवी का परीक्षण हाल ही में हिसार और दिल्ली में किया गया है। जल्द ही इसका छत्तीसगढ़ और झारखंड के जंगलों में परीक्षण होगा।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अगर हम परीक्षणों की अगली सीरीज से भी संतुष्ट रहे तो नक्सलियों के खिलाफ अभियान में यूएवी का इस्तेमाल करेंगे। सुरक्षा विशेषज्ञ यह भी देखना चाहते हैं कि जंगलों और पहाड़ी इलाकों में कौन सा यूएवी अधिक कारगर रहेगा। दरअसल अधिकतर माओवादी वहीं छिपे हैं। अधिकारी ने कहा कि माओवादी अपने ठिकाने बदलते रहते हैं ऐसे में यूएवी की तैनाती सुरक्षाबलों के लिए कारगर साबित होगी। एक यूएवी की न्यूनतम कीमत 18 लाख रुपए है।
गृह मंत्रालय ने इसके लिए पहले ही पर्याप्त धन अलग रखा हुआ है। एचएएल इस्नइल की एक विमानन कंपनी के साथ मिलकर यूएवी का विकास कर रही है।