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कभी जामा से विधायक रह चुके हैं शिबू सोरेन

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के लिए दुमका और जामा सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। दुमका में उनके पुत्र हेमंत सोरेन प्रत्याशी हैं, जबकि जामा में उनके दिवंगत पुत्र दुर्गा सोरेन की विधवा सीता सोरेन मैदान...

कभी जामा से विधायक रह चुके हैं शिबू सोरेन
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Nov 2009 11:23 PM
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झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के लिए दुमका और जामा सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। दुमका में उनके पुत्र हेमंत सोरेन प्रत्याशी हैं, जबकि जामा में उनके दिवंगत पुत्र दुर्गा सोरेन की विधवा सीता सोरेन मैदान में हैं।

राज्यसभा सांसद हेमंत सोरेन लगातार दूसरी बार दुमका सीट पर प्रो.स्टीफन मरांडी को टक्कर दे रहे हैं। भाजपा की लोईस मरांडी भी चुनाव मैदान में है। प्रो.मरांडी को 2005 के चुनाव में झामुमो ने टिकट नहीं दिया था। वे पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े और झामुमो प्रत्याशी हेमंत सोरेन को हरा कर विधान सभा पहुंचे थे। इस चुनाव में एक बार फिर स्टीफन और हेमंत सोरेन आमने सामने हैं। स्टीफन मरांडी इस चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे हैं।

1972 के चुनाव के बाद दुमका सीट पर कभी कांग्रेस नहीं जीता। 1980 से तो स्टीफन मरांडी ही यहां से विधायक हैं। वे मधु कोड़ा और शिबू सोरेन की सरकार में डिप्टी सीएम भी रहे। 29 साल से दुमका के विधायक प्रो.मरांडी को इस बार गुरूजी कोई मौका देने के पक्ष में नहीं हैं।  गुरूजी के लिये जामा सीट भी काफी अहम है जहां से उनकी पुत्रबधू सीता चुनाव लड़ रही हैं। सीता सोरेन के पति स्व.दुर्गा सोरेन जामा से 2 टर्म विधायक रह चुके हैं। पहले यह  गुरूजी की सीट मानी जाती थी। 1980 में दुमका से पहली बार संसद पहुंचने वाले शिबू सोरेन जब 1984 में लोक सभा का चुनाव हार गए तो 1985 में जामा से ही वे विधायक चुने गए थे। 1995 में उन्होंने जामा सीट से अपने पुत्र दुर्गा सोरेन को लड़ाया था। दुर्गा 1995 और 2000 का चुनाव जीते। 2005 में चुनाव हार गए थे।

झामुमो के ही कैडर और दुर्गा सोरेन के सहयोगी रहे सुनील सोरेन भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। दुर्गा सोरेन की असामयिक मौत के बाद उनकी विधवा सीता सोरेन को झामुमो ने चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने उनके विरुद्ध एक पहाड़िया युवक मनोज सिंह पहाड़िया को और कांग्रेस ने एक चिकित्सक डा.सुशील मरांडी को टिकट दिया है। प्रतिष्ठा से जुड़े दुमका और जामा सीट के साथ ही संथाल परगना की अधिकांश सीटों पर झामुमो के कब्जे की रणनीति के तहत  गुरूजी दुमका में लगातार कैंप कर गए हैं। चुनाव प्रचार अभियान यहां खिजुरिया स्थित  गुरूजी के आवास से संचालित हो रहा है। दुमका से ही उनका हेलीकॉप्टर उड़ रहा है। रात्रि विश्रम दुमका में कर रहे हैं। सुबह-शाम दुमका और जामा के लोगों से रू-ब-रू हो रहे हैं।

जामा के मसलिया में वे अपना हेलीकॉप्टर उतार चुके हैं। झामुमो का चुनाव घोषणा-पत्र जिसे वे शपथ पत्र बता रहे हैं, दुमका में ही जारी किया गया।  गुरूजी के दुमका में कैम्प कर जाने से विरोधियों के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक है। 

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