नीलगाय ने रोकी राजधानी एक्सप्रेस
एक नीलगाय देश की सबसे प्रतिष्ठित रेलगाड़ी राजधानी एक्सप्रेस को घंटों रोक सकती है। अपनी मंजिल तक पहुंचने को बेताब यात्रियों को बीच जंगल में खड़ा रहने पर मजबूर कर सकती है। रेलवे को हर माह ऐसी चार-पांच...
एक नीलगाय देश की सबसे प्रतिष्ठित रेलगाड़ी राजधानी एक्सप्रेस को घंटों रोक सकती है। अपनी मंजिल तक पहुंचने को बेताब यात्रियों को बीच जंगल में खड़ा रहने पर मजबूर कर सकती है। रेलवे को हर माह ऐसी चार-पांच घटनाओं का सामना करना पड़ता है। इंजन की मरम्मत पर लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद रेलवे ने कभी इस समस्या का स्थाई हल खोजने की कोशिश नहीं की।
ऐसी ही घटना रविवार शाम राजधानी एक्सप्रेस (2302) के साथ घटी। दुर्घटना के करीब चार घंटे बाद गाजियाबाद और खुर्जा के बीच खड़ी राजधानी एक्सप्रेस को ले जाने के लिए दूसरा इंजन भेजा गया। राजधानी रुखसत हुई पर पीछे कई सवाल छोड़ गई। हर माह करीब चार इंजन ऐसे हादसों की वजह से खराब होते हैं। इससे यातायात बाधित होता है और लाखों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ता है।
रेलवे की साख को जो बट्टा लगता है, सो अलग। खुशकिस्मती से हावड़ा जा रही राजधानी के यात्री खुशकिस्मत थे कि उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। वरना अचानक ब्रेक लगने से ट्रेन पटरी से भी उतर सकती थी।