निवेश की गलतियां
वर्तमान में म्यूचुअल फंड की कई स्कीम उपलब्ध है। एक तरफ जहां ये स्कीम लोगों को जोखिम से बचाती है, तो दूसरी तरफ बेहतर रिटर्न दिलाने में भी सहायक साबित होती है। ज्यादातर निवेशक कम नेट एसेट वैल्यू...
वर्तमान में म्यूचुअल फंड की कई स्कीम उपलब्ध है। एक तरफ जहां ये स्कीम लोगों को जोखिम से बचाती है, तो दूसरी तरफ बेहतर रिटर्न दिलाने में भी सहायक साबित होती है। ज्यादातर निवेशक कम नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) वाले म्यूचुअल फंड में निवेश
करना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन आपका फंड चुनने का आधार सिर्फ कम एनएवी नहीं
होना चाहिए।
ल्ल दूसरी गलती जो अकसर निवेशक करते हैं, वो है म्यूचुअल फंड की हालिया हिस्ट्री के आधार उसमें निवेश। एक बात ध्यान रखने की है कि कोई एक सेक्टर हमेशा बेहतर नहीं करता क्योंकि संभव है कि जो सेक्टर कुछ दिनों पहले बूम पर था, उसमें एकदम से गिरावट आ जाए। निवेश के लिहाज से यह सही होगा कि आप फंड की खरीद उसके लांग टर्म ट्रेक रिकॉर्ड के आधार पर करें। उदाहरण के तौर पर कुछ दिनों पहले डेट फंड काफी बेहतर कर रहे थे, लेकिन वर्तमान में डेट का प्रदर्शन उतना उम्दा नहीं है। अगर कोई डेट फंड में निवेश कर रहा है तो उसे एक बात में ध्यान रखनी चाहिए कि उसकी औसत मैच्योरिटी कब होगी और उसमें कितनी अस्थिरता है।
ल्ल अकसर कई बार देखने में आता है कि
निवेशक फंड का नाम देखकर निवेश करते हैं। फंड का नाम देखकर नहीं, उसके उद्देश्यों को देखकर निवेश करें।
ल्ल आम गलती निवेशक ये करता है कि वह निवेश अपने लक्ष्य के अनुरूप नहीं करता है। उदाहरण के तौर पर लिक्विड फंड में निवेश एक वर्ष से कम समय के लिए बेहतर होता है, तो एक से तीन वर्ष के लिए शॉर्ट टर्म डेट फंड में निवेश करना चाहिए।