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युवा विंग हाशिये पर, दलो में विद्रोह

ज्यादा दिन नहीं गुजरे हैं। झारखंड दौरे पर आए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने युवा राजनीति की फिजां ही बदल दी थी। सबकी सुनी-अपनी कही और वह भी लीडर चुनो, लीडर बनो। राहुल के लौटने के 23 दिन बाद ही युवा...

युवा विंग हाशिये पर, दलो में विद्रोह
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 11 Nov 2009 11:35 PM
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ज्यादा दिन नहीं गुजरे हैं। झारखंड दौरे पर आए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने युवा राजनीति की फिजां ही बदल दी थी। सबकी सुनी-अपनी कही और वह भी लीडर चुनो, लीडर बनो। राहुल के लौटने के 23 दिन बाद ही युवा कांग्रेस में उत्साह , ऊर्जा से भरा उड़ता गुब्बारा पिचकने लगा है। 

कांग्रेस ने झाविमो से तालमेल कर 49 उम्मीदवारों की घोषणा की है, लेकिन सूची में युवा कांग्रेस को तवज्जो नहीं मिली। युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जयशंकर पाठक कहते है कि यूथ विंग को टिकट नहीं मिला है, लेकिन अभी उम्मीदें बची है। उधर राजहमहल में थॉमस हांसदा को टिकट मिलने से क्षुब्ध युवा कांग्रेस के अनिल ओझा ने समर्थकों सहित इस्तीफा देने का ऐलान किया है। थॉमस पार्टी के सीनियर लीडर जरूर हैं, लेकिन लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। 

बताते चलें कि 81 सीटों के लिए कांग्रेस में टिकट के लिए 20 हजार से ज्यादा आवेदन पड़े थे। इसमें राहुल की युवा बिग्रेड की बड़ी दावेदारी थी। यूथ विंग की अनदेखी का असर चुनाव पर पड़ेए इससे इनकार नहीं किया जा रहा। दूसरी पार्टियों में भी कमोबेश यही तस्वीर है। जदयू  के युवा विंग ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। पार्टी 14 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उम्मीदवारों की सूची जारी हो चुकी है। इसमें युवा विंग को एक भी टिकट नहीं मिला है। युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बिगा मिंज और प्रवक्ता उपेंद्र रजक ने टिकट के लिए दावेदारी की थी।   झारखंड में जदयू की सांगठनिक ताकत जब बिखर रही थी और नेतृत्व पार्टी की हालत को लेकर चिंता में था, तो इसी युवा विंग ने यूपीए तथा सरकार के विरोध में जोरदार आंदोलन खड़ा कर पार्टी की इज्जत बचाने की मुहिम छेड़ी थी।

प्रवक्ता उपेंद्र रजक और उनके समर्थकों ने नेतृत्व को सामूहिक इस्तीफा भेज दिया है। कहते हैं कि अब झंडा नहीं ढोना। राजद की सूची में भी युवा विंग के कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिली है। 19 साल से पार्टी का झंडा ढो रहे युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता विजयशंकर नायक ने गुस्से में पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने कहा है कि राजद में अब गरीब-गुरबों तथा संघर्ष करने वालों की जगह नहीं। चमचई करने वालों को ही पद-टिकट मिलता है। झामुमो में युवा उम्मीदवारों को बहुत तरजीह नहीं दी गई। युवा मोरचा के केंद्रीय अध्यक्ष विनोद पांडे का कहना है कि युवा विंग को भले ही टिकट नहीं मिला, लेकिन आधे दजर्न से अधिक युवा उम्मीदवार मैदान में हैं। वह खुद चुनावी मुहिम संभाले हैं। भाजपा तथा आजसू की की अंदरूनी हालत इन दलों से थोड़ी अलग है।

आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो युवा की ही राजनीति करते हैं। लिहाजा पार्टी में अधिकांश उम्मीदवार युवा ही हैं। भाजपा ने युवा उम्मीदवारों को तरजीह देने में चूक नहीं की है। युवा मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष विनय जायसवाल का कहना है कि पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। युवा मोरचा के चार कार्यकर्ताओं को टिकट मिला है। इसके अलावा एक दजर्न युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। झाविमो ने 9 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इसमें एक ही युवा विंग का नेता है।

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