आईटीआई छात्र की अपहरण कर, हत्या
चार दिन पहले घर से गायब हुआ आईटीआई छात्र लापता नहीं हुआ था बल्कि उसको उसके दोस्त ही घर से लेकर गए थे और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने चारों लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने...
चार दिन पहले घर से गायब हुआ आईटीआई छात्र लापता नहीं हुआ था बल्कि उसको उसके दोस्त ही घर से लेकर गए थे और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने चारों लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने हत्या की बात स्वीकारी लेकिन छात्र का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है। घटनास्थल पर खून के निशान मिले हैं और एक चाकू बरामद हुआ है। पुलिस की टीम पड़ोस के जिले उन्नाव में छात्र के शव को खोजने में लगी है।
पुलिस हिरासत में लिए गए चारों लड़कों की उम्र 18 से 20 वर्ष के बीच है और उन्होंने पूछताछ में बताया कि उक्त छात्र के साथ दशहरे के दिन चाऊमिन के ठेले पर हुये झगड़े की दुश्मनी निकालने के लिये यह हत्या पांच नवंबर को ही की गई और उसका शव उन्नाव जिले के अजगैन में कहीं फेंक दिया था। चूंकि पकड़े गये लड़के बार बार बयान बदल रहे हैं इसलिए पुलिस अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं दे पा रही है।
कानपुर के डीआईजी बी पी जोगदंड ने बताया कि गोविंदनगर में रहने वाले फील्डगन फैक्ट्री में कार्यरत सलाउद्दीन का बेटा जियाउददीन उर्फ अली (18) आईटीआई का छात्र था और पांच नवबंर की शाम घर से लापता था। घर वाले यह समझ रहे थे कि बच्चा कहीं चला गया है और अपने आप ही वापस चला आयेगा।
उन्होंने बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई, लेकिन कल शाम उनके पास एक फोन आया जिसमें बच्चों के अपहरण की बात कही गई और पांच लाख रूपए की फिरौती मांगी गई।
डीआईजी जोगदंड ने बताया कि कल इस फिरौती के फोन के बाद जियाउद्दीन के पिता सलाउद्दीन ने अपहरण और फिरौती की बात पुलिस को बताई तो पुलिस ने इस दिशा में काम करना शुरू किया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस ने अपने स्तर पर खोजबीन शुरू की तो पता चला कि दशहरे के दिन चाऊमिन के ठेले पर चाऊमिन खाने को लेकर जियाउद्दीन का मोहल्ले के चार लड़कों विजय, बबलू, अरविन्द और कमल से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था जिसके बाद से यह लड़के उससे दुश्मनी रखने लगे थे और उसे मारने का षडयंत्र बना रहे थे। इस बाबत उन्होंने जियाउद्दीन के पिता को पहले धमकी भी दी थी कि वह अपने बेटे को समझा ले वरना वह उसके हाथ पैर तोड़ देंगे।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इन चारों लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि पांच नवंबर की शाम को यह चारों लड़के जियाउद्दीन को मोटरसाईकिल पर बिठाकर उन्नाव के अजगैन ले गए और वहां उसकी हत्या कर शव कहीं छिपा दिया और वापस अपने घर चले आए।
हत्या के बाद में इन चारों लड़कों ने जियाउद्दीन के घर वालों को फोन कर उनसे पांच लाख रूपए की फिरौती की मांग की तथा फिरौती न देने पर जान से मारने की धमकी दी, तथा इस पूरी घटना को अपहरण का रूप देने लगे लेकिन इस बीच यह लड़के पुलिस की गिरफ्त में आ गए और पुलिस की पूछताछ में इन्होंने सच्चाई उगल दी।