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परिवहन विभाग को मंजूरी का इंतजार

कॉर्पोरेट योजना के तहत बस संचालन के लिए परिवहन विभाग को सरकार से हरी झंडी का इंतजार है। सरकार द्वारा डीटीसी बस भाड़ा बढ़ोत्तरी की घोषणा के बाद एक बार फिर क्लस्टर बस सेवा चर्चा में आ गई है। परिवहन...

परिवहन विभाग को मंजूरी का इंतजार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 08 Nov 2009 11:57 PM
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कॉर्पोरेट योजना के तहत बस संचालन के लिए परिवहन विभाग को सरकार से हरी झंडी का इंतजार है। सरकार द्वारा डीटीसी बस भाड़ा बढ़ोत्तरी की घोषणा के बाद एक बार फिर क्लस्टर बस सेवा चर्चा में आ गई है। परिवहन विभाग ने अपनी तरफ से एक बार फिर रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। सोमवार को दिल्ली सरकार मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की उम्मीद है। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि सरकार जल्द ही ठोस कदम उठाएगी। हालांकि अगर इस योजना को स्वीकृत किया जाता है, तो सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय है।
गौरतलब है कि सरकार ब्लू लाइन बसों को हटाने की घोषणा कर चुकी है। ब्लू लाइन बस के विकल्प में सरकार  निजी कंपनियों को (क्लस्टर सेवा) बस चलाने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना तैयार की थी। परिवहन विभाग की ओर से कॉर्पोरेट योजना के तहत दक्षिणी दिल्ली के एक क्लस्टर के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया था। चार कंपनियों ने तय समय में टेंडर भरा था, जिनमें सबसे कम जनकपुरी की एक कंपनी का था। कंपनी 231 बस सड़क पर उतारेगी। जिसके बदले कंपनी ने लगभग 47 रुपये प्रति किलोमीटर भुगतान की मांग की थी। सूत्रों के मुताबिक इस सेवा को शुरू करने से सरकारी राजस्व पर अतिरिक्त बोझ बढ़ने की वजह से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब जब बस भाड़े में बढ़ोत्तरी की गई है, तो एक बार फिर इस योजना को अमलीजामा पहनाने की कोशिश शुरू हो गई है।


विभागी अधिकारियों के मुताबिक डीटीसी को लगभग 18 रुपये प्रति किलोमीटर की आय है। नया भाड़ा लागू होने के बाद आय में 40 से 50 फीसदी तक बढ़ोत्तरी होगी। कॉर्पोरेट योजना के तहत चलने वली इन बसों से डीटीसी की तुलना में अधिक आमदनी होने उम्मीद है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पहले जितना घाटा दिख रहा था, अब उससे निश्चय ही कम होगा। सूत्रों के मुताबिक परिवहन विभाग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दिया है। सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इसे रखे जाने की उम्मीद है।     


सड़कों पर मौजूदा बस: डीटसी 3300 (लो-फ्लोर समेत) और ब्लू लाइन 2300
क्लस्टर सेवा के तहत: पॉयलट प्रोजेक्ट में 231 बस दक्षिणी दिल्ली के 32 रुटों पर (राष्ट्रमंडल खेलों से पहले),भविष्य में दिल्ली को 17 क्लस्टरों में बांट कर 4400 बस चलाने की योजना

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