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नेशनल डिफेंस कॉलेज था लश्कर के निशाने परः एफबीआई

एफबीआई द्वारा पिछले महीने गिरफ्तार किए गए डेविड कोलमन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा लश्कर-ए-तैयबा के एक बडे़ आतंकी हमले के षडयंत्र में शामिल थे। इस षडयंत्र के तहत डेनमार्क के एक अखबार के कार्यालय और...

नेशनल डिफेंस कॉलेज था लश्कर के निशाने परः एफबीआई
एजेंसीWed, 04 Nov 2009 03:39 PM
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एफबीआई द्वारा पिछले महीने गिरफ्तार किए गए डेविड कोलमन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा लश्कर-ए-तैयबा के एक बडे़ आतंकी हमले के षडयंत्र में शामिल थे।

इस षडयंत्र के तहत डेनमार्क के एक अखबार के कार्यालय और दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज पर हमला किया जाना था। संघीय अभियोजकों ने अदालत को यह जानकारी दी।

शिकागो की एक अदालत में राणा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अमेरिका के विधि विभाग के एटॉर्नी ने कहा कि रिहा किए जाने पर राणा समाज के लिए खतरनाक हो सकता है और देश छोड़ कर भी भाग सकता है। दोषी पाए जाने पर राणा को अधिकतम 30 साल की सजा हो सकती है।

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को एफबीआई ने एक आतंकी हमले का षडयंत्र रचने के आरोप में उसके स्कूल के मित्र हेडली के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों पर डेनमार्क और भारत में आतंकी हमले का षडयंत्र रचने का आरोप है। अमेरिकी नागरिक हेडली की जमानत याचिका पर दिसंबर में सुनवाई होनी है।

एफबीआई ने दोनों के बीच सात सितंबर को हुई बातचीत रिकॉर्ड की है, जिसमें दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज का एक लक्ष्य के रूप में संदर्भ था। एफबीआई ने अदालत को बताया उसी वार्ता में हेडली और राणा ने डेनमार्क और अन्य लक्ष्यों के बारे में भी चर्चा की, जिसमें भारत के नेशनल डिफेंस कॉलेज का भी जिक्र आया। राणा ने इस दौरान अंग्रेजी के शब्द टॉरगेट का इस्तेमाल किया।

शिकागो की अदालत के सामने पिछले महीने दाखिल अपने संशोधित आरोपपत्र में एफबीआई ने कहा था कि राणा और हेडली ने सात सितंबर को हुई अपनी बातचीत में षडयंत्र के तहत कई लक्ष्यों (टॉरगेट्स) का जिक्र किया था।

एफबीआई ने अपने पिछले हलफनामे में कहा था कि हेडली ने चार निशानों का खास तौर पर जिक्र किया था, जिसमें एक डेनमार्क भी था। उसके बाद उसने कहा कि अल्लाह काम पूरा करने में मेरी मदद करे।

एफबीआई ने कहा कि इसके बाद इसी वार्ता के दौरान राणा ने हेडली से किसी अज्ञात लश्कर नेता बी को संदेश पहुंचाने के लिए भी कहा। हलफनामे के अनुसार इसके बाद दोनों ने पांचवें निशाने के बारे में बात की। हेडली ने कहा मेरे दोस्त, चार नहीं पांच, पांच।

हलफनामे में कहा गया है कि इसके बाद राणा हंसने लगा। इस पर हेडली ने दो बार डिफेंस कॉलेज का नाम लिया, जिस पर राणा ने टिप्पणी दी, बिल्कुल ठीक, यही है, मैं जानता हूं।

हलफनामे के मुताबिक, दोनों के बीच की बातचीत से संकेत मिलता है कि लश्कर-ए- तैयबा अन्य निशानों के बजाए डिफेंस कॉलेज को निशाना बनाने को प्राथमिकता दे रहा था। लश्कर-ए-तैयबा की डेनमार्क के अखबार पर हमला करने की भी योजना थी, जिसने मोहम्मद साहब के कार्टून छापे थे।

एटॉर्नी ने राणा की जमानत याचिका में कहे गए इस वक्तव्य का भी विरोध किया कि वह निर्दोष है और उसे हेडली ने धोखा दिया। एटॉर्नी ने कहा कि ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है कि राणा को हेडली ने धोखा दिया है और वह उसके प्रयासों से अनजान था।
  
एटॉर्नी ने कहा कि बातों से स्पष्ट है कि राणा और हेडली ने पूरे वार्तालाप के दौरान सच्चाई छिपाने के लिए सांकेतिक भाषा का उपयोग किया, ताकि असलियत का किसी को पता नहीं चल सके।

राणा ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि कई लोग उसकी जमानत के तौर पर अपने घर और जमापूंजी भी सिक्योरिटी के तौर पर दांव पर लगाने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन संघीय अभियोजकों ने याचिका का विरोध किया। इस पर अब 10 नवंबर को सुनवाई होगी।

अभियोजकों ने राणा के निर्दोष होने के दावे को झूठा करार देते हुए कहा कि राणा ने हेडली को एक अखबार के मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित एक खबर उपलब्ध कराई। हेडली ने डेनमार्क के अखबार ज्यालांदस-पोस्तन का वीडियो भी बनाया, जिसे हेडली की गिरफ्तारी के दौरान बरामद किया गया।

उन्होंने कहा कि हेडली राणा के व्यापार के प्रतिनिधि के तौर पर डेनमार्क के अखबार के कार्यालय पहुंचा। ई-मेल संचार माध्यम से मिले सबूतों से पता चला है कि राणा हेडली की डेनमार्क यात्रा के वास्तविक उद्देश्य के बारे में पूरी तरह जानता था।

अभियोजकों ने कहा कि राणा ने हेडली के लिए वीजा पाने की खातिर शिकागो में एक पाकिस्तानी कूटनीतिज्ञ को भी भ्रम में रखा।

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