नेट को मिला देसी रंग, भारतीय भाषाओं में होंगे वेबनाम
क्या आपने अपनी मातृभाषा में इंटरनेट में प्रवेश करने बारे में सोचा है। यह अब संभव है। डोमेन नामों का प्रबंधन करनी वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थान ने अब वेब पते के लिए सात भारतीय भाषाओं के इस्तेमाल की...
क्या आपने अपनी मातृभाषा में इंटरनेट में प्रवेश करने बारे में सोचा है। यह अब संभव है। डोमेन नामों का प्रबंधन करनी वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थान ने अब वेब पते के लिए सात भारतीय भाषाओं के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।
वैश्विक गैर लाभकारी संगठन इंटरनेट कारपोरेशन फार एसाइंड नेम्स एंड नंबर्स (आईसीएएनएन) ने सात भारतीय भाषाओं- हिंदी, तमिल, उर्दू, बांग्ला, गुजराती, पंजाबी और तेलुगू में वेब पते की अनुमति देने का फैसला किया है। यह फैसला सोल में किया गया, जहां आईसीएएनएन का सम्मेलन चल रहा है।
अभी तक वेब पर सभी डोमेन नाम केवल लातिनी अक्षरों ए से जेड में उपलब्ध थे। डोमेन नामों में .काम, .नेट, .ओआरजी, .इन को पहचान लेबलों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अब इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोग वेब पते को हिंदी, उर्दू, बांग्ला, गुजराती, पंजाबी और तेलुगू में भी टाइप कर सकेंगे।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीआईटी) का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ निदेशक गोविंद ने कहा कि यह वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) पर एक क्रांतिकारी कदम होगा। इससे इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं की सम्मानजनक उपस्थिति हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि भविष्य में इसमें और भाषाओं को शामिल किया जाएगा। डीआईटी ने 22 आधिकारिक भारतीय भाषाओं में नि:शुल्क फोंट देना शुरू किया है। देश भर में इंटरनेट कैफे का प्रतिनिधित्व करने वाली साइबर कैफे एसोसिएशन आफ इंडिया ने कहा है कि वह देश भर में साइबर कैफे में भारतीय भाषाओं के नि:शुल्क डाउनलोड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
विश्लेषकों का मानना है कि आईसीएएनएन के निर्णय से जनभाषाओं में इंटरनेट को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और इससे भारत में इंटरनेट की पहुंच भी बढ़ेगी। इससे इंटरनेट पर भाषा की बाधा भी समाप्त हो सकेगी।