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सीएम का भाई बता बालू पट्टा दिलाने की कोशिश

मुख्यमंत्री के भाई का वास्ता देकर मौरंग पट्टा हथियाने डीएम कार्यालय पहुचे तीन व्यक्ति धर लि गये। इनमें एक व्यक्ति दलित एकता मंच का प्रान्तीय उपाध्यक्ष है। पूरे मामले में एक चौथा शख्स भी है। वह खुद को...

सीएम का भाई बता बालू पट्टा दिलाने की कोशिश
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 22 Oct 2009 09:49 PM
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मुख्यमंत्री के भाई का वास्ता देकर मौरंग पट्टा हथियाने डीएम कार्यालय पहुचे तीन व्यक्ति धर लि गये। इनमें एक व्यक्ति दलित एकता मंच का प्रान्तीय उपाध्यक्ष है। पूरे मामले में एक चौथा शख्स भी है। वह खुद को मुख्यमंत्री का भाई बताकर डीएम को फोन किया करता था। इसका नाम सोनू बताया गया है। वह पकड़ से बाहर है।

बाँदा के मटौंध थाना क्षेत्र के हरदौली निवासी संतराम सिंह ने हमीरपुर जिले की नैठी के 8/4 मौरंग खदान के पट्टे के लिए आवेदन कर रखा है। काफी दिन से वह पट्टे लेने का प्रयास कर रहा था। अखबई (खन्ना) मौदहा निवासी जहूर अहमद ने संतराम से कहा था कि उसके एक मित्र का सम्बन्ध मुख्यमंत्री के भाई से है। उनसे कहकर पट्टा दिलवा दूंगा। संतराम सहमत हो गया।

जहूर ने भानु प्रकाश गुप्ता (अलीगढ़ प्रदेश उपाध्यक्ष दलित एकता मंच) से पट्टे दिलाने की बात की और भानु ने के सोनू सिंह गौतम से। सोनू सिंह ने काम कराने की जिम्मा अपने ऊपर लिया। इसके बाद सोनू जुट गया। दस दिनों से वह खुद को मुख्यमंत्री का भाई आनन्द बताकर डीएम हमीरपुर को फोन पर कर रहा था, संत राम को पट्टा देने के आग्रह के साथ। गुरुवार सुबह भी को सोनू का फोन आया था।

इस पर जब डीएम ने उससे कहा कि मुख्यमंत्री के भाई ने तो किसी की सिफारिश नहीं की है तो उसने फोन काटकर अपने मोबाइल का स्विच आफ कर लिया। अब जिलाधिकारी को शक होने लगा। तब तक भानु प्रकाश, संतराम सिंह व जहूर अहमद भी डीएम से मिलने आ पहुँचे।

उन्होने पट्टे की बात करते हुए कहा कि आपके पास मुख्यमंत्री के भाई का फोन तो आया होगा। इन लोगों से मुलाकात के बीच ही डीएम ने इस पर मुख्यमंत्री के भाई आनन्द से बात की तो उन्होंने इस तरह का कोई फोन करने से इनकार कर दिया।

इतना सुनते ही जिलाधिकारी जी श्रीनिवास ने भानू प्रकाश गुप्ता, संतराम व जहूर अहमद को पुलिस को सौंप दिया। तीनों आरोपी शहर कोतवाली में पुलिस हिरासत में हैं। मुख्यमंत्री का फर्जी भाई बनकर फोन करने वाला पकड़ से बाहर है। पुलिस को तहरीर का इन्तजार है। इस घटना की पूरे जिले में चर्चा रही। इससे मौरंग का पट्टा पाने वालों के हथकंडे अपनाने का मामला खुल गया है।

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