गर दिन खराब है
आपको ऑफिस में कई बार ऐसा लगता होगा कि आज का दिन तो बहुत खराब है। ऐसा होना असामान्य बात नहीं है। हालांकि बुरे दिन की कोई तय परिभाषा नहीं है, मगर कई बार ऐसा होता है कि आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगता, काम...
आपको ऑफिस में कई बार ऐसा लगता होगा कि आज का दिन तो बहुत खराब है। ऐसा होना असामान्य बात नहीं है। हालांकि बुरे दिन की कोई तय परिभाषा नहीं है, मगर कई बार ऐसा होता है कि आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगता, काम करने का मन नहीं होता, छोटी-छोटी बात पर गुस्सा या झल्लाहट होती है, या फिर आप दूसरों पर फालतू दोषारोपण करने लगते हैं। इससे पूरा माहौल मायूसी का हो जाता है और मन उचटने लगता है। ऐसी स्थिति से उबरने के उपाय ये हैं-
इसके बारे में बात करें : अगर आपका मूड खराब है, तो इसे छुपाएं नहीं। सहकर्मियों से इसकी चर्चा करें। चुप रहने से होगा यह कि जब आप किसी पर एकदम से झल्ला उठेंगे, तो वह शख्स आपके इस व्यवहार से कुपित होकर माकूल जवाब दे सकता है। जबकि आपके मूड का पहले से पता होने पर वह उलझेगा नहीं।
इलाज : हर बार ऐसी स्थिति में मनोविश्लेषण करने की जरूरत नहीं है। बल्कि इस विषय से ध्यान हटाने का जतन करें, और ऐसे काम में मन लगाएं, जिसे करने में आपको मज़ा आ रहा हो। इससे मायूसी और झुंझलाहट दूर हो जाएगी।
छुट्टी ले लें : अगर आप ज्यादा ही अपसैट हो गए हों, तो छुट्टी लेने में बुराई नहीं है। इसके बाद दोस्तों के साथ बाहर जाकर लंच लें। कहीं टहल आएंगे, तो उससे भी मूड ठीक होगा। इस तरह शांत चित्त होकर आप अगले दिन फिर से ऑफिस जाएंगे, तो मन उचटने का सवाल ही नहीं है।
याद करें : पिछली बार ऑफिस में ऐसा बुरा दिन होने पर आप इससे कैसे निपटे थे, याद करें। अगर छुट्टी ली थी, तो याद करें कि इसे कैसे बिताया था। खास दोस्तों से मिलें। मगर छुट्टी लेने के बाद अगले दिन ऑफिस आकर काम के हर्जाने की पूर्ति करना न भूलें।