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राजकुमारों जैसी जिंदगी जी है मैंने: शम्मी कपूर

मैने ऐसी जिंदगी बितायी है जो सभी को नसीब नहीं होती। सही मायने में कहूं तो मैंने जिंदगी वाकई एक राजकुमार की तरह जी है । यह कहना है जिंदगी के 78 बसंत देख चुके मशहूर बॉलीवुड अभिनेता शम्मी कपूर का ।...

राजकुमारों जैसी जिंदगी जी है मैंने: शम्मी कपूर
एजेंसीTue, 20 Oct 2009 12:49 PM
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मैने ऐसी जिंदगी बितायी है जो सभी को नसीब नहीं होती। सही मायने में कहूं तो मैंने जिंदगी वाकई एक राजकुमार की तरह जी है । यह कहना है जिंदगी के 78 बसंत देख चुके मशहूर बॉलीवुड अभिनेता शम्मी कपूर का । बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के दूसरे बेटे शम्मी राज कपूर ने अपने फिल्मी करियर में कई उतार- चढ़ाव देखे हैं । अपनी ढलती उम्र के बावजूद तंदुएस्त सेहत की बाबत शम्मी कहते हैं मैं कोई सुपरमैन नहीं हूं लेकिन अपनी तमाम इच्छाशक्ति और दिमागी कसरत की मदद से खुद को फिट रखता हूं ।

वर्ष 1953 में जीवन ज्योति से अपना करियर शुरू करने के पहले शम्मी अपने पिता के साथ थिएटर में काम किया करते थे । उन्हें इस फिल्म से निराशा हाथ लगी क्योंकि बॉक्स ऑफिस पर यह बुरी तरह पिट गयी ।  वर्ष 1961 में रिलीज हुई शम्मी और सायरा बानू अभिनीत जंगली ने बॉक्स ऑफिस पर जोरदार धमाका किया और शम्मी रातों- रात सुपरस्टार बन गए । जंगली से पहले 1957 में रिलीज हुई तुम सा नहीं देखा ने भी सिनेमाघरों में अच्छा प्रदर्शन किया  और यह शम्मी की पहली कामयाब फिल्म थी ।

शम्मी ने अपने करियर के दौरान अपने जमाने की तमाम बेहतरीन अदाकरा मधुबाला, नूतन और सुरैया के साथ काम किया । इसके अलावा उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रख रही अभिनेत्रियों चांद उस्मानी, आशा पारिख, कल्पना और अमीता के साथ भी काम किया ।

आशा पारिख के साथ शम्मी ने तुम सा नहीं देखा में काम किया और यह फिल्म हिट रही । नयी अभिनेत्रियों के साथ काम करने का अपना तजुर्बा बयान करते हुए शम्मी कहते हैं कि उनके साथ काम करना इस मायने में अच्छा होता है कि उनके नखरे खुद को स्टार समझने वाली अभिनेत्रियों की तरह नहीं होते ।

वर्ष 2002 तक फिल्मों में किरदार निभाने वाले शम्मी ने अपने करियर में हर तरह की फिल्मों में काम किया है । एक तरफ उन्होंने चाइना टाउन जसी थ्रिलर जबकि कश्मीर की कली जसी रोमांस से भरपूर फिल्म में अपने अभिनय से लाखों लोगों को अपना मुरीद बनाया तो वहीं दूसरी ओर सिंगापुर जैसी कॉमेडी और एन इवनिंग इन पेरिस जैसी सफर के दौरान हुए इश्क पर बनी उनकी फिल्म को भी खूब सराहा गया ।

शम्मी कपूर ने 1990 में बांग्ला फिल्म पारापार में भी काम किया था । इसका निर्देशन तापस पाल ने किया था । शम्मी को ब्रहमचारी के लिए सर्वष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जबकि विधाता के लिए सर्वष्ठ सहायक अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया । वर्ष 1995 में उन्हें लाइफटाइम एचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया गया ।

 

 

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