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आईटी में कमी नहीं अवसरों की

आईटी क्षेत्र जिसे ‘नॉलेज बिजनेस’ भी कहा जाता है, में सफलता के कई अवसर मौजूद हैं। हालिया आर्थिक मंदी के बावजूद इस क्षेत्र के प्रति युवाओं की रुचि बरकरार रही। ऊँची आय और अन्य फायदों से सजे...

आईटी में कमी नहीं अवसरों की
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 19 Oct 2009 10:07 PM
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आईटी क्षेत्र जिसे ‘नॉलेज बिजनेस’ भी कहा जाता है, में सफलता के कई अवसर मौजूद हैं। हालिया आर्थिक मंदी के बावजूद इस क्षेत्र के प्रति युवाओं की रुचि बरकरार रही। ऊँची आय और अन्य फायदों से सजे इस कार्यक्षेत्र के बारे में बुनियादी जानकारी पेश है

यह सही है कि वैश्विक आर्थिक मंदी के मद्देनजर आईटी क्षेत्र ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, फिर भी जिस रफ्तार से आईटी का फैलाव हर स्तर पर हो रहा है, उसे देखते हुए किसी के मन में यह शंका नहीं होनी चाहिए कि यह क्षेत्र फिर से अपना मुकाम हासिल कर लेगा।

आईटी विविधताओं से भरा हुआ क्षेत्र है। यहां करियर बनाने के कई ऑप्शंस मौजूद हैं। आईटी की यह विशेषता ही कह लीजिए कि इसमें सबके लिए अवसर मौजूद हैं। आप इस क्षेत्र में हायर (्रँी1) क्वालिफिकेशन वाले हों या फिर सर्टिफिकेट या डिप्लोमा होल्डर, यहां आपकी क्वालिफिकेशन और स्किल्स के अनुसार विभिन्न स्तर पर रोजगार के द्वार खुले हुए हैं।

आइए, एक नजर डालते हैं आईटी के इन्हीं कुछ विभिन्न ऑप्शंस पर और जानते हैं, कौन सा ऑप्शन आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। साथ ही, आप कैसे इस क्षेत्र में अपने कौशल को और भी अधिक निखार सकते हैं।

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
सॉफ्टवेयर डेवलपर के रुप में आपका काम विभिन्न सॉफ्टवेयर लैंग्वेज में सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशंस डेवलप करना होता है। सॉफ्टवेयर का फील्ड समय-समय पर अपना रंग बदलती रहती है, ऐसे में इन प्रोफेशनल्स को मार्केट डिमांड के अनुसार अपनी स्किलस को अपडेट करना आवश्यक रहता है।

सॉफ्टवेयर डेवलपर वैसे तो कई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के जानकार माने जाते हैं, लेकिन किसी विशेष लैंग्वेज/प्लेटफॉर्म में उन्हें विशेषज्ञता हासिल करनी होती है, जिसमें वे करियर बनाना चाहते हैं। सी++, जावा, डॉटनेट आदि कुछ प्रमुख लैंग्वेज हैं। एक डेवलपर के करियर को ऊंचाई के मुकाम पर पहुंचाने में वर्क एक्सपीरियंस भी काफी मायने रखता है। करियर का शुरुआती दौर भले ही मुश्किल भरा हो, अनुभव हासिल करने के बाद ऊंची छलांग लगाना आसान हो जाता है।

यह कंप्यूटर से संबंधित उच्चस्तरीय जॉब है, जिसके लिए आपके पास कंप्यूटर साइंस/एप्लीकेशन या आईटी में ऊंची डिग्री जैसे एमसीए, बीई/बीटेक आदि होनी चाहिए। अधिकांश संस्थानों में एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर इन कोर्सो में नामांकन दिया जाता है। विभिन्न सर्टिफिकेशन कोर्स द्वारा ऐसे प्रोफेशनल अपनी स्किल्स को और अधिक बेहतर कर सकते हैं। आईईईई (IEEEE) कंप्यूटर सोसायटी कई तरह की सर्टिफिकेशन कोर्स करवाती है।

सन माइक्रोसिस्टम द्वारा भी जावा प्रोग्रामर्स एवं सोलरीज (Solaris) एडमिनिस्ट्रेटर के लिए सर्टिफिकेशन करवाई जाती है। सन सर्टिफाइड जावा प्रोग्रामर, सन सर्टिफाइड वेब कंपोनेंट डेवलपर जैसी सर्टिफिकेशन की जा सकती हैं। इसी तरह माइक्रोसॉफ्ट की माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड प्रोफेशनल डेवलपर, माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड टेक्नोलॉजी स्पेशलिस्ट जैसी सर्टिफिकेशन द्वारा डॉटनेट प्रोफेशनल अपनी स्किल्स बढ़ा सकते हैं।

मल्टीमीडिया/एनिमेशन
यह मल्टीमीडिया और एनिमेशन का ही कमाल होता है कि कंप्यूटर एप्लीकेशन और नेट का उपयोग करना आकर्षक और सुविधाजनक हो जाता है। मल्टीमीडिया एक वृहत क्षेत्र है जिसमें की ऑप्शंस उपलब्ध हैं। वेब डिजाइनिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, गेम डिजाइनिंग, एनिमेशन जैसी कई विधाओं का संगम मल्टीमीडिया में होता है। यदि आप में रचनात्मकता और क्रिएटिव सोच है तो यह क्षेत्र आपके लिए उपयुक्त हो सकता है।

भारतीय एनिमेशन उद्योग को देखते हुए एनिमेशन आज युवाओं के लिए बेहतरीन विकल्प है। एनिमेटेड और कार्टून फिल्मों की सफलता ने तो एनिमेटरों की मांग और बढ़ा दी है। इन कोर्सेज की विशेषता है कि इससे संबंधित शॉर्ट टर्म कोर्सेज भी आपको जॉब मार्केट का हिस्सा बना सकते हैं। यह जॉब पाने के लिए ऊंची डिग्री मायने नहीं रखती, जो बात महत्वपूर्ण है, वह है आपकी क्रिएटिव सोच। इन कोर्सेज में नामांकन लेने के लिए न्यूनतम योग्यता बारहवीं (10+2) होती है। कोर्स अवधि 6 माह से 18 माह तक होती है।

संस्थान
- माया एकेडमी, मुम्बई 
- एरेना मल्टीमीडिया,दिल्ली
- सी-डेक नेशनल मल्टीमीडिया सेंटर, पुणे 
- नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
- ऑक्सफोर्ड सॉफ्टवेयर इंस्टीटयूट, दिल्ली

हार्डवेयर/नेटवर्किग
आज कंप्यूटर हर घर की जरूरत बन चुका है और इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है। स्वाभाविक सी बात है जितना अधिक कंप्यूटर का उपयोग बढ़ेगा, इसको मेंटेन और फिट रखने के लिए कंप्यूटर डॉक्टरों यानी हार्डवेयर प्रोफेशनल्स की जरूरत भी बढ़ेगी। इन प्रोफेशनलों का काम कंप्यूटर असेंबलिंग से लेकर इसकी मरम्मत करने तक होता है।

टेक्निकल एप्रोच रखने वालों के लिए हार्डवेयर अच्छा ऑप्शन है। साथ ही, यह एक ऐसा फील्ड है जिसमें अंग्रेजी का सामान्य ज्ञान भी काफी है। हार्डवेयर के क्षेत्र में 10+2 के बाद प्रवेश लिया जा सकता है।

सभी संस्थानों में कंप्यूटर एक नेटवर्क से जुड़ा होता है, जिससे डाटा और अन्य रिसोर्सिज की शेयरिंग आसान हो जाती है। यह कंप्यूटर नेटवर्क सुचारू रूप से काम करता रहे, इसलिए नेटवर्क इंजीनियरों की भी जरूरत पड़ती है।

इस क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहे छात्र विभिन्न सर्टिफिकेशन भी कर सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट, सिस्को (cisco) आदि कई सर्टिफिकेशन कोर्स करवाती है। आप स्पेशलाइज्ड कोर्स जैसे सीसीएनए, एमसीएसई, ए+ आदि भी कर सकते हैं।

संस्थान
-सीएमएस कंप्यूटर इंस्टीटयूट
-आईआईएचटी
-जेटकिंग हार्डवेयर इंस्टीटयूट
-ए-सेट, करोलबाग, दिल्ली

सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
जब भी कोई सॉफ्टवेयर डेवलप किया जाता है तो ऐसी अपेक्षा की जाती है कि वह एरर फ्री हो ताकि यूजर्स को उसे उपयोग करने के दौरान किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

जी हां, पर्दे के पीछे तो सॉफ्टवेयर टेस्टर्स ही होते हैं, जो किसी सॉफ्टवेयर को आप तक पहुंचने से पहले विभिन्न स्तरों पर जांच कर इस बात की पुष्टि करते हैं कि सॉफ्टवेयर एरर फ्री है। ये प्रोफेशनल्स सॉफ्टवेयर को वेलिडेट एवं वेरिफाई करते हैं। यह अपने आप में एक चैलेंजिंग फील्ड है।
 
सॉफ्टवेयर टेस्टिंग में विभिन्न सर्टिफिकेशन भी हासिल की जा सकती हैं। इंटरनेशनल इंस्टीटयूट फॉर सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कई तरह की सर्टिफिकेशन करवाती है। आप ऑनलाइन भी इसे कर सकते हैं। सर्टिफाइड सॉफ्टवेयर टेस्ट प्रोफेशनल (CSTP), सर्टिफाइड टेस्ट मैनेजर (CTM), सर्टिफाइड एसोसिएट इन सॉफ्टवेयर क्वालिटी (CASQ), सर्टिफाइड एसोसिएट इन सॉफ्टवेयर टेस्टिंग (CAST) जैसे सर्टिफिकेशन आप कर सकते हैं। विशेष जानकारी के लिए www. iist. org पर लॉगइन करें।

आईटी टीचिंग/ट्रेनिंग
मंदी के दौर में भी छात्रों का रुझान आईटी की और बना हुआ है। ऐसे में इन छात्रों को आईटी और कंप्यूटर तकनीक का गुर सिखाने के लिए टीचिंग एक्सपर्ट्स की भी मांग बनी ही रहेगी। नित नए ट्रेनिंग सेंटर्स खुल रहे हैं। इसके अलावा, विभिन्न राज्य सरकारें भी अपने-अपने राज्यों में कंप्यूटर साक्षरता की दिशा में कारगर कदम उठा रही हैं। स्कूलों में भी कंप्यूटर शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। ऐसे में टीचिंग भी सम्माजनक ऑप्शन के रूप में सामने आ रहा है। विभिन्न सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में भी पर्याप्त अवसर हैं। टीचिंग क्षेत्र से जुड़ने के लिए कंप्यूटर/आईटी में कम से कम मास्टर्स डिग्री की दरकार रहती है। 

प्रमुख बिन्दु
इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले छात्रों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे
-आईटी में कई विकल्प हैं। ऐसे में कभी भी विकल्प के चुनाव में दूसरों की देखा-देखी न करें। अपनी रुचि के अनुसार ही निर्णय लें। मार्केट डिमांड का भी ध्यान रखें।
-कोई भी कोर्स करने से पहले कोर्स कंटेंट, फैक्लटी प्रोफाइल, प्लेसमेंट रिकार्ड, इंस्टीटय़ूट के इंफ्रास्ट्रक्चर आदि पर नजर दौड़ा लें। पहले से पढ़ाई कर रहे छात्रों से भी फीडबैक लेना आपके हित में होगा।
-आईटी क्षेत्र में प्रैक्टिकल नॉलेज का विशेष महत्व होता है।
-कोर्स कंटेंट अपडेटेड होना चाहिए। जॉब मार्केट में आउट डेटेड स्किल्स का कोई मायने नहीं होता।
-यहां नई तकनीक को सीखने के लिए आपको समय-समय पर ट्रेनिंग सेशन अटेंड करने पड़ सकते हैं।
-आईटी फील्ड उतार-चढ़ाव भरा है। मार्केट की जरूरत के अनुसार यह सेक्टर अपना रंग बदलता रहता है। इसलिए तैयार रहें।
-आपको टीम वर्क में काम करने के लिए तैयार रहना होगा। साथ ही यहां डेडलाइन का काफी महत्व होता। संभव है कि आपको बिना विचलित हुए घंटों टर्मिनल पर काम करना पड़े।
-आईटी में सर्टिफिकेशन का विशेष महत्व होता है। एकेडेमिक क्वालिफिकेशन के साथ-साथ ये सर्टिफिकेशन आपके रिज्यूमे की वेटेज काफी बढ़ा देते हैं। ऐसा देखा जाता है कि इंटरव्यू के दौरान सर्टिफिकेशन प्राप्त छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है। ऐसे में कोई सर्टिफिकेशन हासिल करना आपके लिए सोने पर सुहागा का काम कर सकता है।

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