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परंपरा और आस्था का प्रतीक: रंगोली

घर-आंगन, प्रवेश द्वार पर या दरवाजों के सामने बने खूबसूरत डिजाइन में बिखरे अनगिनत रंगों को देखते ही मन में एक उल्लास भर जाता है। मौका यदि किसी त्योहार या समारोह का हो तो फिर रंगों की छटा बिखेरती...

परंपरा और आस्था का प्रतीक: रंगोली
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 15 Oct 2009 01:08 PM
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घर-आंगन, प्रवेश द्वार पर या दरवाजों के सामने बने खूबसूरत डिजाइन में बिखरे अनगिनत रंगों को देखते ही मन में एक उल्लास भर जाता है। मौका यदि किसी त्योहार या समारोह का हो तो फिर रंगों की छटा बिखेरती रंगोली का देहरी पर होना त्योहार की रंगत और पावनता को कई गुणा बढ़ा देता है। रंगोली हमारी सुखद कामनाओं और मन की खुशियों को रंगों में सराबोर कर देती है। रंगोली में आड़ी-तिरछी, त्रिकोण, आयत व वृत्ताकार आकृतियों को हल्दी, कुंकुम, रंग-बिरंगे फूलों, चावल के आटे आदि से सजाया जाता है। माना जाता है कि ये रेखाएं बुरी नजर और विपदाओं से बचाती हैं। दक्षिण भारत में रंगोली को  कोलम, गुजरात में सतिया, महाराष्ट्र में रंगोली, मध्य प्रदेश में सांझी, राजस्थान में मांडना, उत्तर भारत में चौकपूरना, बंगाल में अल्पना व बिहार में अरिचन के नाम से पुकारा जाता है।
रंगोली बनाने के लिए मुख्यतया खड़िया मिट्टी, गेरू, चावल के आटे व अलग-अलग किस्म के प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता है। दीवाली पर रंगोली में सात दीपक, फुलझड़ी, कलश, लक्ष्मी जी के पांव, मोर, सूर्य, चांद आदि बनाने की परंपरा है। दीवाली पर लक्ष्मी मां का स्वागत करने के लिए इसे घर के दरवाजे पर बनाया जाता है। 

रंगोली डिजाइन
पारंपरिक ढंग से रंगोली के डिजाइन एक विशेष तरह से बनाए जाते हैं। हालांकि यह डिजाइन अब बहुत सरल व ट्रैंडी होते जा रहे हैं। फ्यूजन लुक इनमें भी दिखाई दे रहा है।  ज्यामितीय डिजाइनों के अलावा फ्लोरल, स्टाइलिश लुक भी इनमें देखने को मिल रहा है। आम रंगोली के डिजाइन बिंदुओं से बनाए जाते हैं। एक-एक बिंदु को जोड़ते हुए लाइनें व आकृतियां बनाई जती हैं। अलग-अलग रंगों के फूलों की पत्तियां भी इन जगहों पर भरी जाती हैं। रंगोली के किनारों पर कमल और लक्ष्मी जी के पांव बनाए जाते हैं। बाजार में आज कई चीजें उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से परंपरा को बरकरार रखते हुए उसमें मॉडर्न टच दिया जा सकता है। रंगोली बनाने की मशीन भी बाजार में मिलने लगी है, जिसमें छेद होते हैं। उनमें पाउडर भर आप मनचाहा आकार तैयार कर सकती हैं। इसके अलावा चावल का पाउडर व रेत या लकड़ी का बुरादा भी अलग-अलग रंगों में मिलता है, जिसका पेस्ट बना कर प्लास्टिक के कोण से आप घर में रंगोली तैयार कर सकते हैं। कलर्ड चॉक और सिंथेटिक डाई का भी प्रयोग किया जा रहा है। यही नहीं,आप प्लास्टिक व स्टील के रंगोली स्टेंसिल भी खरीद सकते हैं।

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