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भारतीय अदालत पर मुझे भरोसा नहीं : कसाब

मुंबई आतंकी हमलों के मामले में करीब छह माह से मुकदमे का सामना कर रहे पाकिस्तानी बंदूकधारी अजमल कसाब ने सोमवार को कहा कि भारतीय अदालत पर उसे भरोसा नहीं है। उसने मामले को किसी अंतर्राष्ट्रीय अदालत में...

भारतीय अदालत पर मुझे भरोसा नहीं : कसाब
एजेंसीTue, 13 Oct 2009 12:19 AM
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मुंबई आतंकी हमलों के मामले में करीब छह माह से मुकदमे का सामना कर रहे पाकिस्तानी बंदूकधारी अजमल कसाब ने सोमवार को कहा कि भारतीय अदालत पर उसे भरोसा नहीं है। उसने मामले को किसी अंतर्राष्ट्रीय अदालत में स्थानांतरित करने के लिए नाटकीय तरीके से याचिका दायर की। लेकिन न्यायाधीश एम.एल. टाहिलियानी ने 22 वर्षीय कसाब की याचिका खारिज करते हुए कहा, यह गलत सोच है।

भारतीय अदालत पर अविश्वास प्रकट करते हुए मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी अजमल कसाब ने मामले को किसी अंतर्राष्ट्रीय अदालत में स्थानांतरित करने के लिए याचिका दायर की। अदालत को दी गई एक अर्जी में कसाब ने कहा, भारतीय अदालत पर मुझे भरोसा नहीं है और इस मामले को किसी अंतरराष्ट्रीय अदालत में स्थानांतरित किया जा सकता है। कसाब ने खुद उर्दू में लिखकर यह अनुरोध किया था। कसाब की उर्दू में लिखी याचिका का जेल के अधिकारियों ने मराठी में अनुवाद करके अदालत के समक्ष पेश किया। न्यायाधीश टाहिलियानी ने कसाब से पूछा कि क्या यह आवेदन उसने लिखा है। इसके जबाव में कसाब ने जी हुजूर कहा।

एक अन्य घटनाक्रम में न्यायाधीश टाहिलियानी ने सह आरोपी फहीम अंसारी द्वारा कार्रवाई पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज कर दी। उसने बंबई उच्च न्यायालय में इस आधार पर मामले को स्थानांतरित करने की याचिका की थी कि साक्ष्यों की रिकार्डिंग सही नहीं है। अदालती कार्रवाई में अविश्वास जताते हुए फहीम ने आरोप लगाया था कि उसे अपनी पत्नी से नहीं मिलने दिया गया और मामले की कार्रवाई सही तरीके से रिकार्ड नहीं की जा रही है। फहीम की याचिका खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा, सुनवाई में देरी कराने का आरोपियों का यह एक और प्रयास है।

न्यायाधीश ने सुनवाई रोकने की याचिका खारिज करते हुए कहा, आरोपी विलंब करा रहे हैं। उसकी पत्नी को कार्यवाही में शामिल होने के लिए स्थायी पास जारी किया गया है। फहीम को भी रोज अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति है। मुलाकात का समय भी दिन-प्रतिदिन बढ़ता रहा है। अदालत के अनुसार, इस तरह की सुविधाएं पाने के बावजूद फहीम उनका दुरुपयोग करता रहा है। इतना ही नहीं, जब भी उससे कुछ पूछा जाता है तो सहयोग नहीं करता और गोलमोल जबाव देता है।

अदालती कार्यवाही गलत तरीके से रिकार्ड किए जाने के आरोप पर न्यायाधीश ने कहा कि यह गलत सोच है, उन्होंने कहा कि मुकदमे की दृश्य़-श्रव्य रिकार्डिंग के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं है। अदालत ने कहा, फहीम को शायद बाहरी लोग उकसा रहे हैं। फहीम पर अन्य आरोपियों के साथ आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि उसने मुंबई हमलों से सम्बद्ध जगहों के मानचित्र बरामद किए हैं जो फहीम को पाकिस्तान में सौंपे गए थे।

अदालत ने फहीम को अवमानना नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि याचिका में अदालत पर आरोप लगाने के लिए क्यों न उसके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाए।

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