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ये रोल मेरे दिल के करीब है: नेहा

यह शो आपको कैसे मिला? पहले मैंने ‘वो रहने वाली महलों की’ के लिए ऑडिशन दिया था और बाद में मुङो पता लगा कि मैं इस सीरियल के लिए सेलेक्ट हो गई हूं। बस यहीं से शुरुआत हुई।  श्रद्धा और...

ये रोल मेरे दिल के करीब है: नेहा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 09 Oct 2009 02:55 PM
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यह शो आपको कैसे मिला?

पहले मैंने ‘वो रहने वाली महलों की’ के लिए ऑडिशन दिया था और बाद में मुङो पता लगा कि मैं इस सीरियल के लिए सेलेक्ट हो गई हूं। बस यहीं से शुरुआत हुई। 

श्रद्धा और नेहा में क्या समानता पाती हैं?
मैं यह तो नहीं कह सकती कि मैंश्रद्धाकी तरह परफेक्ट हूं,लेकिन मैं भी अपने मम्मी-पापा को उतना ही प्यार करती हूं, जितना कि श्रद्धा करती है।

क्या आप असल जिंदगी में ऐसी किसी लड़की से मिली हैं,जो श्रद्धा की तरह हो?
हां, मैं हाल ही में एक महिला पत्रकार से मिली थी, जिसने अपनी जिंदगी अपने मां-बाप के नाम ही कर दी थी। उसका भाई होते हुए भी वह अपने मां-बाप के लिए वो सब कुछ करने की इच्छा रखती थी, जो उसके भाई को पूरी करनी चाहिए।

श्रवण कुमार और श्रद्धा में अंतर बताइए?
यह बताना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि जिस तरह श्रवण कुमार अपने मां-बाप को प्यार करता था, ठीक उसी तरहश्रद्धाभी अपने अम्मा बाबूजी को सब कुछ मानती है। आप कह सकती हैं कि श्रद्धा श्रवण कुमार का पुनर्जन्म है। इन  दोनों में अंतर ढूंढ़ना कठिन है।

क्या आपने अपने मां-बाप की कोई ऐसी इच्छा पूरी की है, जो उनके लिए यादगार हो?
हां, मेरे मम्मी-पापा हमेशा से यही चाहते थे कि मैं अपना करियर एक्टिंगग लाइन में बनाऊं। ईश्वर की कृपा से उनका यह सपना मैंने पूरा भी किया है। 

क्या आपको लगता है कि लड़कियां वाकई अब लड़कों की जगह ले सकती हैं?
हां, क्यों नहीं। आज लड़कियों ने इतनी तरक्की की है कि वे घर के काम के साथ-साथ बाहर का काम भी कर सकती हैं। मैं हर किसी की तो नहीं कह सकती, लेकिन आज ज्यादातर घरों में देखा जाता है कि बेटे अपनी जिम्मेदारियां सही से नहीं निभा पाते, जबकि बेटियां अपने मां-बाप से इमोशनली भी जुड़ी होती हैं। 

अपनी कोई ऐसी आदत बताइए, जो आपके मां-बाप को बिल्कुल पसंद नहीं है?
यूं तो बहुत सी आदते हैं, लेकिन एक के बारे में मैं बता सकती हूं। मैं चीजें रख कर भूल जाती हूं। इसी वजह से मेरे मम्मी-पापा बहुत परेशान रहते हैं। उन्हें मेरी यह आदत बिल्कुल पसंद नहीं है, पर मैं भी क्या करूं, मैं बहुत कोशिश करती हूं कि ऐसा ना हो, लेकिन फिर भी हो ही
जाता है।

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