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अरावली पहाड़ी के 600 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद और पलवल में अरावली पहाड़ी के 600 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन की अनुमति दे दी है। अदालत ने यह आदेश एनसीआर में बिल्डिंग मैटीरियल (रेत व रोड़ी -पत्थर) की भारी कमी को देखते हुए...

अरावली पहाड़ी के 600 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन की अनुमति
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 08 Oct 2009 11:14 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद और पलवल में अरावली पहाड़ी के 600 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन की अनुमति दे दी है। अदालत ने यह आदेश एनसीआर में बिल्डिंग मैटीरियल (रेत व रोड़ी -पत्थर) की भारी कमी को देखते हुए दिया है। लेकिन सरकार खनन के ठेके तभी दे पाएगी जब वह नियमों का उल्लंघन कर किए गए पूर्व के खनन से खराब हुई भूमि का पुनर्वास कर लेगी।

पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील अरावली पहाड़ी श्रंखला पर अत्यधिक खनन के कारण दिल्ली -एनसीआर में आई भूजल स्तर में भयानक गिरावट के कारण शीर्ष अदालत ने 8 मई को खनन पर पूर्ण रोक लगा दी थी।

गुरुवार को दिए आदेश में सर्वोच्च अदालत ने हरियाणा में मेजर मिनरल की सभी खदानों की लीज भी तुरंत प्रभाव से बिना उचित कार्रवाई किए रद्द करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने खनकों को यह आग्रह ठुकरा दिया कि उनकी लीज कानून के अनुसार रद्द की जाएं। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से पहाडी़ का विनाश हुआ है उसे देखते हुए इस तरह के सख्त कदम उठाने ही पड़ेंगे। लीज रद्द करने का आग्रह हरियाणा सरकार ने किया था। सरकार का कहना था कि लीजें रद्द किए बगैर अत्यधिक खनन के कारण खराब हुई भूमि को पुन: उसके मूल रूप में लौटाना मुमकिन नहीं है।

शीर्ष अदालत ने स्प्ष्ट किया कि फरीदाबाद में 600 हैक्टेयर क्षेत्र में खनन और भूमि के रखरखाव की सकारात्मक रिपोर्ट मिलने के बाद ही शीर्ष अदालत गुड़गांव के 1500 हैक्टेयर क्षेत्र में खनन की अनुमति देने पर विचार करेगी। खनन के लिए सरकार भूमि की पहचान करेगी और सभी पर्यावरणीय नियमों का पालन करते हुए शीर्ष अदालत की कमेटी (सीईसी) को रिपोर्ट देगी जो अंतत: खनन की खनन की अनुमति देगी।


सुप्रीमकोर्ट ने अरावली पहाड़ी के संरक्षण और पर्यावरण की देखरेख के लिए अरावली पुनर्वास फंड भी स्थापित करने की अनुमति दी है। इस फंड में खदान के ठेके की कुल 10 फीसदी राशि जमा की जाएगी और यह पैसा ठेकेदार और खनन विभाग के संयुक्त खाते में जमा रहेगा।


मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केजी बालाकृष्णन, एसएच कपाड़िया और आफताब आलम की विशेष फारेस्ट बेंच ने आदेश में कहा कि राज्य सरकार खनन के ठेके देने से पूर्व पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक दिशा निर्देश बनाए। खनन के दौरान नियमों को पूरी तरह से पालन हो इसकी जिम्मेदारी राज्य के मुख्य सचिव पर रहेगी। किसी भी तरह के उल्लंघन की रिपोर्ट वह सीधे सुप्रीम कोर्ट को देंगें। अरावली पर निर्माण और अन्य मामलों की सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।

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