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एआईचाी के बोनस पर बिफरे ओबामा

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सरकारी मदद पाने वाली और खुद घोर वित्तीय संकट में घिरी अमेरिकन बीमा कंपनी एआईजी द्वारा अपने कर्मचारियों को बोनस दिए जाने के फैसले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए...

 एआईचाी के बोनस पर बिफरे ओबामा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सरकारी मदद पाने वाली और खुद घोर वित्तीय संकट में घिरी अमेरिकन बीमा कंपनी एआईजी द्वारा अपने कर्मचारियों को बोनस दिए जाने के फैसले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि करदाताओं के धन का इस तरह दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि बीमा कंपनी एआईजी वैश्विक आर्थिक मंदी का शिकार होकर डूबने के कगार पर पहुंच गई थी लेकिन अमेरिकी सरकार ने 180 अरब डॉलर का राहत पैकेज देकर संकट से उबरने में मदद की। साथ ही सरकार का इस दिवालियापन की गिरफ्त में आन स बचान क लिए इसमं 80 फीसदी स्वामित्व हासिल करना पड़ा। मगर गत दिनों एआईजी के प्रबंधन ने अपने कर्मचारियों को 16.5 करोड़ डॉलर का बोनस देने का ऐलान कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया।ड्ढr ड्ढr ओबामा ने कहा कि यह एक ऐसी कंपनी का फैसला है जो कुप्रबंधन और लालच की वजह से मुश्किल दौर में फंसी है। इस हालात में यह समझना बड़ा मुश्किल है कि एआईजी अपने कर्मचारियों को बोनस देने का ऐलान किस तरह कर सकती है। कंपनी करदाताओं के धन के इस दुरुपयोग को कैसे जायज ठहरा सकती है। ओबामा ने कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री टिमोथी गीथनर को बोनस के इस भुगतान को रोकने के लिए हरसंभव कानूनी प्रावधान करने का निर्देश दे दिया है। उन्होंने कहा कि गीथनर इस मसले के समाधान के लिए एआईजी के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी एडवर्ड लिडी के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि मुश्किल स्थिति से गुजर रही कंपनियों पर नियंत्रण के लिए सरकार की तरफ कुछ उपाय किए जाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोहराई न जा सके। उधर एआईजी प्रमुख एडवर्ड लिडी न वित्त मंत्री टिमोथी गीथनर का लिख पत्र मं कहा है कि कंपनी बानस दन क लिए कानूनी तौर पर बाध्य है। यह पिछले साल के बोनस का भुगतान है और वह भविष्य में बोनस दिए जाने के सवाल पर नई व्यवस्था अपनाने को तैयार है। बराजगारी का लेकर अमेरिकी चिंतित : अमरिकी मं एस लागां की संख्या एक तिहाई स अधिक है जा बराजगारी का दश की सबस बड़ी चुनौती मानत हैं। पिछल साल की तुलना मं इस साल एसी धारणा रखन वाल लागां की संख्या मं तिगुना स ज्यादा इजाफा हुआ। एक राष्ट्रीय सर्वक्षण मं यह कहा गया है। सीएनएनआपिनियन रिचर्स कॉर्प की एक सर्वक्षण रिपार्ट मं कहा गया है कि सर्वक्षण मं शामिल लागां मं स 36 फीसदी न बढ़ती बराजगारी दश क लिए सबस बड़ी चुनौती बताया।

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