फोटो गैलरी

Hindi Newsसुप्रीम कोर्ट की कोई अवमानना नहीं हुईः मिश्र

सुप्रीम कोर्ट की कोई अवमानना नहीं हुईः मिश्र

उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष व बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा है कि राज्य सरकार ने स्मारकों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कोई उल्लंघन नहीं किया है और न ही...

सुप्रीम कोर्ट की कोई अवमानना नहीं हुईः मिश्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 07 Oct 2009 09:44 PM
ऐप पर पढ़ें

उत्तर प्रदेश राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष व बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा है कि राज्य सरकार ने स्मारकों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कोई उल्लंघन नहीं किया है और न ही कोई अवमानना की है। अदालत के आदेश का अक्षरशः पालन किया जा रहा है। बुधवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने यह बात कही।

हालांकि एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माना कि प्रथम दृष्टया न्यायालय की अवमानना हुई है इसीलिए मुख्य सचिव को जो नोटिस दी है, उस पर चार नवम्बर को मुख्य सचिव अदालत में पेश होंगे और स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य वहीं हो रहे हैं, जो विवादित नहीं हैं।

श्री मिश्र ने राज्य सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में गत मंगलवार को सुनवाई के दौरान जो बहस हुई, उसे मीडिया ने सही ढंग से पेश नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि मीडिया ने सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार के आदेश की प्रति को देख लिया होता, तो अदालत के आशय की रिपोर्टिग सही ढंग से होती। श्री मिश्र ने कहा कि स्मारकों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

यदि कोई पक्षकार अदालत से बाहर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करता है, तो मीडिया को इस बारे में तथ्यों की छानबीन कर लेनी चाहिए। गलत तथ्यों की रिपोर्टिग पर विपक्षी दलों ने जो प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं, मीडिया को उसे नहीं छापना चाहिए।

कांग्रेस और भाजपा आदि दलों ने मुख्यमंत्री मायावती को निशाने पर लेकर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया है। विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ मानहानि का आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है। विपक्षी दलों के जिन नेताओं ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर बयान दिए हैं, उन्हें कानून का ककहरा तक नहीं आता।

कांग्रेस ने गांधी और नेहरू के स्मारकों के नाम पर देश में हजारों करोड़ रुपया खर्च किया है, जबकि मायावती सरकार ने मूर्तियों पर मात्र तीन-चार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। विरोधी दल किसी तरह का बयान देने के पहले अपने अतीत को देखें कि उनकी सरकारों ने कब और कहाँ संविधान के अनुरूप कार्य नहीं किया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें